भारत में इमरजेंसी की 44वीं सालगिरह के मौके पर प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने 40 प्रमुख लेखकों का पत्र सार्वजनिक किया है. ये सभी पत्र इमरजेंसी पर इंदिरा गांधी के समर्थन में लिखे गए थे. 44वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी को काला दिवस बताया है.
प्रेस स्टेटमेंट जारी करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि 29 जून 1975 को हरिवंश राय बच्चन, अमृता प्रीतम, राजिंदर सिंह बेदी, मौलाना अतीक-उल-रहमान, कंवर मोहिंदर सिंह बेदी सहित 40 प्रमुख लेखकों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इमरजेंसी लगाने के कदम को सही ठहराया था.
इसके अलावा एक अन्य पत्र में प्रमुख अभिनेता और नेता सुनील दत्त का जिक्र किया गया है. सुनील दत्त ने जर्मनी के बर्लिन से इंदिरा गांधी को टेलीग्राम कर उनके इस कदम का समर्थन किया था. टेलीग्राम में कहा गया था कि भारतीय आपके साथ हैं, इसलिए जर्मनी के आम लोग भी इमरजेंसी लगाने को सही बता रहे हैं. किसी के विरोध से परेशान नहीं होना चाहिए, वही करें जो आपको ठीक लगे और देशहित में हो.
वहीं दूसरी तरफ एक बड़ा तबका ऐसा भी था जिसने इंदिरा गांधी के इस कदम का खुलकर विरोध किया था. संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी को याद करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हमें इसलिए कोसा जा रहा है कि हमने फलाने को जेल में क्यों नहीं डाला. ये इमरजेंसी नहीं है कि सरकार किसी को जेल में डाल दे, ये लोकतंत्र है, ये काम न्यायपालिका का है, हम कानून से चलने वाले लोग हैं और किसी को जमानत मिलती है तो वह इंजॉय करे. बदले की भावना से काम नहीं होना चाहिए, लेकिन करप्शन के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी.'