बिहार में चमकी बुखार विकराल रूप धारण किए हुए है. चमकी बुखार से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने आजतक को चमकी बुखार को लेकर कहा है कि इस प्रक्रिया में किसी प्रकार की कोई देरी नहीं हुई है. निपाह वायरस मामले के तुरंत बाद ही इस मुद्दे पर जुट गए. हर्षवर्धन ने बताया कि उन्होंने बिहार के मंत्रियों की बैठक बुलाई है. साथ ही हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने वहां एक एक्सपर्ट टीम भेजी है और वो भी लगातार इस मुद्दे पर नजर बनाए हुए हैं.
बता दें कि मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से अब तक 128 बच्चों की मौत हो चुकी है. लगातार हो रही मौतों से बिहार की नीतीश सरकार और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब आज इस मामले पर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली.
ओडिशा में अलर्ट जारी
उधर चमकी बुखार को लेकर अब ओडिशा में अलर्ट जारी किया गया है. इस बाबत ओडिशा सरकार की ओर से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने एक नया आदेश जारी किया गया है. अब राज्य के बाजारों में बिक रही लीची के सैंपल इकट्ठे किए जाएंगे, क्योंकि कुछ रिसर्च में लीची से चमकी बुखार होने की बात सामने आई है.
स्वास्थ्य मंत्री नवकिशोर दास ने खाद्य सुरझा आयुक्तों को बाजार में बिक रही लीची की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा, इस बात की जांच की जाए कि क्या लीची में कोई ऐसा जहरीला पदार्थ है, जो इंसान के शरीर पर असर डाल सकता है. ऐसी खबरें हैं कि बिहार में सौ से ज्यादा बच्चों की मौत खाली पेट लीची खाने से हुई है. हालांकि इसे लेकर अब तक डॉक्टरों की राय बंटी हुई है.