बीड़ी-तंबाकू के स्वास्थ्य संबंधी व सामाजिक दुष्प्रभावों को कम करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन इनके दामों में वृद्धि करना चाहते हैं. हषर्वर्धन ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर सिगरेट के दामों में एक समान 3.5 रुपये प्रति की बढ़ोतरी की अपील की है. हषर्वर्धन ने कहा है कि सिगरेट की खपत कम करने के लिए इसके दामों में बढ़ोतरी जरूरी है.
इसके साथ ही हषर्वर्धन ने बीड़ी उद्योग को मिल रही कर छूट को भी समाप्त करने की मांग की है. जेटली को गुरुवार को लिखे पत्र में हषर्वर्धन ने कहा है कि देश में धूम्रपान करने वाले पुरषों की संख्या पिछले एक दशक में 8.3 करोड़ से बढ़कर 10.5 करोड़ हो गई है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य पर इसके प्रतिकूल प्रभाव से हर साल डेढ़ करोड़ लोग गरीबी में चले जाते हैं.
पत्र में हषर्वर्धन ने कहा है, 'मैं 2014-15 के बजट में सिगरेट की हर डंडी पर 3.5 रुपये की बढ़ोतरी का प्रस्ताव करता हूं. यह कर सभी आकार की सिगरेट पर लगना चाहिए. इससे तंबाकू उद्योग अपने उत्पादन को छोटे आकार की सिगरेट की ओर स्थानांतरित नहीं कर सकेगा.' हषर्वर्धन ने कहा, 'ये उत्पाद जितने महंगे होंगे हम सभी के लिए उतना ही अच्छा होगा. इनके दाम बढ़ने चाहिए.'
स्वास्थ्य मंत्री ने पत्र में कहा है कि यदि इन प्रस्तावों को लागू कर दिया जाता है तो इससे करीब 30 लाख लोग सिगरेट पीना छोड़ देंगे. वहीं, 30 लाख ऐसे लोग भी धूम्रपान से दूरी बनाए रखेंगे, जो सिगरेट पीना शुरू कर सकते हैं. यहीं नहीं, इस कर से सरकार को 3,800 करोड़ रुपये का राजस्व भी मिलेगा. उन्होंने बीड़ी उद्योग के नियमन की भी वकालत की है. हषर्वर्धन ने कहा कि बीड़ी उद्योग को कई तरह की रियायतें मिली हुई हैं.
हालांकि, बीड़ी बनाने वाले कामगारो की दशा काफी खराब है, लेकिन इन रियायतों के बूते यह उद्योग काफी तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री का एक छोटा सा कदम लाखों जिंदगियां बचा सकता है. हषर्वर्धन ने कहा कि ये उत्पाद समाज के लिए ‘नुकसादायक’ हैं और इनके दाम जितने अधिक होंगे, उतना अच्छा होगा.
उन्होंने कहा, 'सिगरेट, बीड़ी व गुटखा जैसे तंबाकू उत्पाद कई बीमारियों की वजह बनते हैं.' उन्होंने कहा कि वह चिकित्सक हैं और उन्होंने तंबाकू उत्पादों से होने वाली बीमारियों को देखा है. देश में ऐसे उत्पादों की खपत कम करना जरूरी है.