भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाले इंडियन नेशनल लोक दल से नाता तोड़ कर खुद के दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस अहम फैसले के कारण विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को फायदा मिल सकता है.
इनेलो गठजोड़ का किया था विरोध
हरियाणा इकाई के भाजपा नेताओं ने पिछले वर्ष इनेलो के साथ गठजोड़ का घोर विरोध किया था. वर्ष 2004 में दोनों पार्टियों ने अलग अलग चुनाव लड़ा था. बताया जाता है कि चुनाव में इनेलो द्वारा कम सीट दिए जाने की पेशकश से भाजपा नेता नाराज हैं. भाजपा नेता विजय गोयल ने कहा कि हमने हरियाणा चुनाव में खुद के दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. दूसरी ओर इनेलो नेता ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि हम एकसाथ हैं और हमारी ओर से इस तरह की कोई बात नहीं है. चौटाला से जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें भाजपा की ओर से इस बारे में कोई संकेत मिला तो उन्होंने कहा कि न तो कोई संकेत मिला और न ही इस बारे में कोई बात हुई.
संयुक्त रूप से चुनाव लड़ना चाहता है इनेलो
इनेलो की राज्य इकाई के अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कहा कि यह उनकी मर्जी है. उन्हें आपत्ति हो सकती है लेकिन हम अभी भी संयुक्त रूप से चुनाव लड़ना चाहते हैं.उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को सीटों के तालमेल को लेकर दिक्कत है तो यह मुद्दा सुलझाया जा सकता है. अरोड़ा ने कहा कि हमें भाजपा के साथ कभी किसी प्रकार की परेशानी नहीं थी. यह मुद्दा उसकी ओर से उठाया गया है. हम अब भी उसे अपनी सहयोगी पार्टी मानते हैं.
60 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है भाजपा
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए चुनाव में इनेलो करीब 60 सीटों पर लड़ना चाहती थी. उन्होंने कहा कि हम हमेशा दूसरे नंबर की भूमिका नहीं निभाना चाहते. उन्होंने संकेत दिया कि यह फैसला पिछले सप्ताह शिमला में आयोजित भाजपा की तीन दिवसीय चिंतन बैठक में लिया गया.