देश के सियासतदान अक्सर नौकरशाहों को झिड़कियां पिलाकर उन पर अपना दबदबा साबित करने की कोशिश करते पाए जाते हैं. साथ ही ज्यादातर अफसर भी ऐसे 'माननीय' के आगे सिर झुकाने को मजबूर हो जाते हैं. पर कुछ अधिकारी शायद अलग ही इस्पात के बने होते हैं.
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को एक ऐसी ही अधिकारी के साथ विवाद करके खुद मीटिंग छोड़ने पर 'मजबूर' होना पड़ा. अफसर को दी गई झिड़की खुद उन पर ही भारी पड़ गई.
मामला कुछ इस तरह है. हरियाणा के स्वास्थ्य व खेल मंत्री अनिल विज शुक्रवार को फतेहाबाद में बैठक में एक वरिष्ठ महिला पुलिस अफसर पर चिल्ला पड़े. उन्होंने अफसर से कहा 'गेट आउट'. पुलिस अफसर ने बैठक से बाहर जाने से मना कर दिया और खुद विज को झुंझला कर बैठक से जाना पड़ा. शराब की तस्करी पर अफसर और मंत्री के बीच की बहस में नौबत यहां तक पहुंच गई.
अनिल विज ने फतेहाबाद की पुलिस अधीक्षक आईपीएस संगीता कालिया से बैठक से निकल जाने के लिए कहा. संगीता के मना करने पर विज गुस्से में बैठक से चले गए. पुलिस अफसर संगीता कालिया और मंत्री अनिल विज पास ही बैठे थे. जब विज ने संगीता से कहा 'गेट आउट', तब संगीता ने कहा, 'मैं नहीं जाऊंगी. आप इस तरह से मेरा अपमान नहीं कर सकते.'
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— ANI (@ANI_news) November 27, 2015
विज जन शिकायत निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने संगीता से पूछा था कि पंजाब की सीमा से लगे इलाकों में शराब की तस्करी रोकने के लिए पुलिस क्या कर रही है. अफसर के जवाब से वह संतुष्ट नहीं दिखे. संगीता ने मंत्री को जवाब दिया था, 'हम कार्रवाई कर रहे हैं. हमने ढाई हजार मामले दर्ज किए हैं. इनमें से कई लोग जमानत पर बाहर आ गए और फिर से तस्करी में लग गए हैं.'
लेकिन, अनिल विज पुलिस अफसर से इस बात पर बहस करते रहे और पूछते रहे कि वह और कार्रवाई क्यों नहीं कर रही हैं. उनकी बात से ऐसा लग रहा था कि कार्रवाई नहीं किए जाने की जिम्मेदार संगीता हैं. संगीता ने इस पर आपत्ति जताई तो विज ने उनसे बैठक से निकल जाने को कहा.
उपायुक्त एनके सोलंकी और जिले के अन्य अफसर बैठक में मौजूद थे, लेकिन किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया. विज ने नाराजगी में बैठक छोड़ दी और बाद में कहा कि जब तक महिला अफसर (संगीता) तैनात हैं, वह फतेहाबाद नहीं आएंगे.
विज ने संवाददाताओं से कहा, 'जब तक वह यहां की पुलिस अधीक्षक हैं, मैं यहां नहीं आऊंगा. मैं मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करूंगा. मैंने दो-तीन बार मामला उठाया लेकिन उनका रवैया बहुत लापरवाह था.'
उपायुक्त सोलंकी विज के पीछे-पीछे उनकी कार तक गए और उन्हें रोकने की कोशिश की. लेकिन, विज नहीं रुके और चले गए.