बलात्कारियों के लिए मौत की सजा की मांग का विरोध करते हुए हरियाणा की खापों ने रविवार को कहा कि जल्दबाजी में कोई ऐसा कानून नहीं लाया जाना चाहिए जिसका दुरूपयोग होने की संभावना हो.
यहां के एक गांव में खाप नेता सूबे सिंह ने कहा कि अधिकारियों को सामूहिक बलात्कार के मामले पर जारी जन विरोधों और बलात्कारियों के लिए मौत की सजा की मांग को देखते हुए भावनाओं में नहीं बहना चाहिए.
सिंह ने कहा, ‘हमने दहेज विरोधी कानून और एससी-एसटी कानून का दुरूपयोग होते देखा है. ऐसा कोई कानून जो ऐसी कड़ी सजा देता हो, उसका दुरूपयोग होने की भी अधिक संभावना है.’ खाप नेता के बयान की कार्यकर्ताओं ने आलोचना की और इसे हरियाणा के मामलों में बलात्कारियों को बचाने की कोशिश बताया.
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वीमेंस एसोसिएशन की महासचिव जगमती संगवान ने कहा, ‘हरियाणा में 20 सामूहिक बलात्कार हुए हैं जिनमें कई लोग शामिल हैं. यह इन्हीं लोगों को बचाने की कोशिश है.’