डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम यौन शोषण मामले में दोषी साबित हो गए हैं. उन्हें रोहतक जेल में रखा गया है. इस बीच पता चला है कि पंचकूला में जो हिंसा फ़ैली उसके पीछे राम रहीम के केवल अनुयायी भर नहीं थे. बल्कि इनमें भाड़े पर लाए गए लोग भी शामिल थे. हर रोज 1000 रुपये और फ्री में भोजन पर लोगों को पंचकूला में जुटाया गया था. डेरा अधिकारियों की ये कवायद फैसले से पहले प्रशासन पर दबाव डालने के लिए थी.
डेरा ने लोगों को रखा भाड़े पर
द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में इस तरह का दावा किया गया है. सिरसा के एक व्यापारी के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि "जब हमारी नौकरानी गुरुवार को नहीं आई, तो हमने मोबाइल पर उससे संपर्क किया उसने कहा कि वह डेरा के अनुयायियों के साथ पंचकूला जा रही है. वो पंचकूला के रास्ते में है. तो हमें पता चला (बातचीत के दौरान) कि डेरा ने उन्हें भाड़े पर रखा है."
इलाकों में की गई थी घोषणा
हिसार जिले के अपने गांव में एक सरकारी डॉक्टर ने बताया,'' कुछ इलाकों में घोषणा की गई थी कि जो भी डेरा के अनुयायियों के साथ आएगा, उसे 1000 रुपये रोज भुगतान दिया जाएगा. यहां पहुंचने के बाद उन्हें अच्छा भोजन दिया जाएगा. डॉक्टर ने दावा किया कि उनके गांव की 100 से ज्यादा महिलाएं डेरा के अनुयायियों के साथ थीं.''
डेरा प्रवक्ता ने किया इनकार
हालांकि, द ट्रिब्यून के सवाल पर डेरा के एक प्रवक्ता ने इन बातों से इनकार किया है. उन्होंने कहा, लोग अपनी इच्छा और अपने साधनों के जरिए आए थे.
बता दें कि शुक्रवार को हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को रेप का दोषी करार दिया था. फैसले के बाद पंचकूला में हिंसक भीड़ ने वाहनों और सरकारी इमारतों में जमकर आगजनी की थी. कई प्राइवेट वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया था . हिंसा में 37 लोगों की मौत हुई है. राम रहीम पर डेरा की एक पूर्व साध्वी ने रेप का आरोप लगाया था. इस मामले में 28 अगस्त को सजा का ऐलान होना है.