खाप पंचायत का नाम सुनकर ही उत्तर भारत के प्रेमी जोड़ों की आंखों के आगे मौत नाचने लगती है. लेकिन, अब खाप का ये खौफ़ और गहरा नज़र आने लगा है. अदालतों की सख्ती के बावजूद खाप पंचायतें बेखौफ़ क्यों हैं? क्यों झूठी इज्ज़त की खातिर अपनी औलाद को मारने में मां-बाप के हाथ नहीं कांपते? ये जानने के लिए हमने किया कानून के रखवालों का स्टिंग ऑपरेशन, जिसमें सामने आया वर्दी में खाप का खौफनाक चेहरा.
इस स्टिंग ऑपरेशन में हमने कैमरे में खाकी वर्दी में कुछ लोग खाप पंचायतों की तरह बात करते कैद किया. खाप पंचायतों में प्रेमी-प्रेमियों को मौत के फरमान सुनाए जाते हैं और ये खाकी वाले उन्हें अंजाम देने को तैयार बैठे रहते हैं. इन्हें कानून की भी परवाह नहीं होती. बस इनकी जेब गर्म होनी चाहिए.
बहादुरगढ़ के असौदी चौकी का एएसआई कर्मवीर कहता है, ‘कही ले जा के नदी में पटक दो. जाने दो जहां चली जाएगी...’
तो रोहतक के खरावड़ चौकी के एएसआई काली राम कहता है, ‘गोली मार दूंगा उसे और तुझे भी- या और ज्यादा दिक्कत आ जाए तो सा.. को वही मार के पटक दो.’
ग्रेटर नोएडा के एसआई अजय सिंह तो कहते हैं कि खाप पंचायत ठीक कर रही है.
हमारी इन्वेस्टिगेटिंग टीम सबसे पहले पहुंची रोहतक के खरावड़ पुलिस चौकी में, हम ये बहाना बनाकर गये कि हमारी लड़की गुड्डी अपने ही गोत्र के एक लड़के के साथ भाग गयी है. वहां हमारी मुलाकात एएसआई काली राम से हुई. हम बताते हैं कि एएसआई कालीराम ने क्या कहा..
एएसआई कालीराम- लड़की को हम आपके हवाले कर देंगे और लड़के को डरा धमका देंगे कि तेरे ऊपर मुकदमा बना देंगे.{mospagebreak}
लेकिन हमने एएसआई काली राम से साफ कर दिया कि हमें तो लड़के और लड़की दोनो वापस चाहिए. तब वो पुलिसवाला अपने असली रंग में आया और रिश्वत की मांग करने लगा.
काली राम- अब हम आपके लिए इतना कोऑपरेट कर रहे हैं. कोई तकलीफ नहीं होने देंगे. वो आप देखो कि कितना मीठा करना है, कितना फीका करना है.
हम उसका इशारा समझ चुके थे, हमने उससे पूछा कि कितना लगेगा तो उसने कहा-
काली राम- 5 हजार...चलो, दे जाओ. अपना बहुत धर्म का काम है ये.
आंखों में रिश्वत की चमक दौड़ी तो पुलिस वाला हमारी मदद के लिए तैयार हो गया. हमने काली राम को बताया कि लड़के-लड़की पास के मंदिर में किसी का इंतजार कर रहे हैं. और यही मौका है कि एएसआई कालीराम उन्हें पकड़कर हमारे हवाले कर दे. कायदे से तो पुलिस का ये फर्ज बनता है कि वो लड़के-लड़की को अदालत में पेश करे लेकिन रुपयों की गर्मी में वो पुलिस वाला दीन-ईमान सब कुछ भूल गया और हमारे साथ चल पड़ा मंदिर की ओर. वहां घर से भागकर शादी करने वाले लड़के-लड़की के भेष में हमारे दो रिपोर्टर थे.
वहां पहुंच कर हमने (रिपोर्टर) आवाज दी-
रिपोर्टर- ऐ मुन्नी..
लड़का- नहीं जो भी बात करना हो, मुझसे करो.
रिपोर्टर- अरे हट जा..
लड़का- नहीं मुझसे बात करो..
गुड्डी- नहीं मैं नहीं जाऊंगी{mospagebreak}
तब तक एएसआई काली राम अपने रंग में आ चुका था. लड़के-लड़की को लेकर वो पुलिस स्टेशन पहुंचा. लड़के को पुलिस स्टेशन में बैठाकर लड़की से पूछताछ के लिए हमारी गाड़ी में आ गया.
काली राम- क्या नाम है तेरा
लड़की- गुड्डी
काली राम- कोई इज्जत की परवाह नहीं है तुझे, मां-बाप की, तेरे भाई की. इतना बड़ा लांछन लगा दिया, क्या होगा समझती है. समझती है कितनी बड़ी बात हो गयी, इज्जत का क्या हुआ.
लड़की- उसे (लड़के को) छोड़ दो
काली राम- गोली मार दूंगा उसे और तुझे भी
लड़की- छोड़ दो
रिपोर्टर- वाह बेशर्म वाह, देख रहे हैं साहब
काली राम- कहां गयी थी, किसके पास जाकर रही थी. हां
लड़की- उसको कहां रखा है
काली राम- उसे तो छोड़ेंगे नहीं, गोली मार देंगे
लड़की- गोली क्यों मारोगे
काली राम- बिल्कुल मार देंगे{mospagebreak}
लड़की को धमकाने के बाद काली राम हम लोगों को लेकर थाने के अंदर गया...क्योंकि अब वो अपने ईमान की कीमत चाहता था...
काली राम- कितने हैं
रिपोर्टर- पांच
काली राम- और करा दे कुछ
रिपोर्टर- ठीक है करा देंगे
काली राम- और अब इसे (लड़के को) मां बाप के सुपुर्द कर देंगे?
रिपोर्टर- ना, इसे तो हमारे साथ भेज दो बस
काली राम- ले जाओगे इसे तो और करा दे बस
रिपोर्टर- तो थोड़ा इसे
काली राम- टाइट कर दूंगा और..हां तू ले आ
रिपोर्टर- अरे, जरा हजार रुपये और ले आओ
काली राम- बैठ इधर, पीछा छोड़ दे उसका. ठीक है. नहीं तो जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. दोबारा शिकायत नहीं आएगी, ठीक है ना पंडित जी. और अगर दुबारा शिकायत आएगी तो फिर ठीक नहीं होगा. हां.{mospagebreak}
हमें ये देखकर हैरानी हुई कि कितनी आसानी से पुलिस वाला लड़की-लड़के को अदालत में पेश करने की बजाय लड़की के घर वालों के हवाले करने को तैयार है. अपनी पड़ताल आगे बढ़ाने हम पहुंचे दिल्ली से सटे हरियाणा और यूपी की कुछ और पुलिस चौकियों पर. इस बार हमें खाप के मददगार ही नहीं, बल्कि ऑनर किलिंग का रास्ता बताने वाले भी मिल गए.
खरावड़ चौकी के बाद हमारी अंडरकवर टीम रोहतक के ही असौढा पुलिस चौकी में पहुंची, जहां हमारी मुलाकात हुई असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर करमवीर से. करमवीर को भी हमने वही काल्पनिक कहानी सुनाई कि हमारी लड़की अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई है और अब हम दोनों को अपने कब्ज़े में लेना चाहते हैं. एएसआई करमवीर ने बड़ी आसानी से हामी भर ली कि वो लड़का-लड़की को हमारे हवाले कर देगा. साथ ही उसने ऑनर किलिंग का आसान रास्ता भी बताया.
एएसआई करमवीर- अब तो ये है कि अगर वो मिल जाते हैं तो लड़की को हम आपको दे देंगे. उसकी शादी करा दो. अगर नाखुश है तो जो आपका विचार है वो करो, लेकिन मैं इजाजत नहीं दूंगा कि वो काम करो. सबसे बड़ा पाप है. और ज़्यादा दिक्कत आ जाए, तो ...ने वही मार के पटक दो.
रिपोर्टर- यही करना पड़ेगा अब तो.
करमवीर- अगर ऐसा काम करो तो अपने एरिया से बाहर...कहीं झाड़ियों-वोड़ियों में डाल दो..घर के पास नहीं...
रिपोर्टर- हां, घर से दूर हो जाए कहीं पे और क्या...
करमवीर- किसी नदी-वदी में डाल दो...गल-कट जाएगी. .... की चली जाएगी कहीं..{mospagebreak}
खाकी को खाप पंचायतों का हिमायती बनने का रोग सिर्फ हरियाणा में है या दूसरे राज्यों में भी ये संक्रमण फैल चुका है. ये पता लगाने के लिए हम पहुंचे दिल्ली से सटे यूपी के ग्रेटर नोएडा की कुलेसरा पुलिस चौकी.
वहां हमारी इज्ज़त दांव पर लगने की काल्पनिक कहानी सुनते ही सब इंस्पेक्टर अजय सिंह मानवाधिकार आयोग को कोसने लगे.
अजय सिंह, एसआई- आजकल ये जितने आयोग हैं, मानवाधिकार आयोग है, ये जो दुनिया भर के जो लॉ बनाए हैं, ये संसद में पास हुए हैं, ये जो केवल .... हैं, उनको संरक्षण देने के लिए है. इसे अच्छे आदमी की मदद के लिए नहीं बनाया है. आज किसी पर अगर 50 हज़ार रुपये का इनाम है और पुलिस उसे मारती है, तो पुलिस का.. मेरा उससे कोई द्वेष नहीं है. उसने मेरा कोई नुकसान नहीं किया, मेरे परिवार का कुछ नहीं बिगाड़ा है. लेकिन हम उसे मारते हैं. मारते हैं समाज के हित के लिए, क्योंकि वो ज़िंदा रहेगा तो पता नहीं कितनो को और मारेगा. ठीक. लेकिन उसको मारने के बाद भी कितने ऐसे मुकदमे हैं, जो पुलिस झेल रही है.
कुलेसरा चौकी के सब इंस्पेक्टर अजय सिंह की बातों से साफ था कि उन्हें देश के कानून से नफरत है और खाप पंचायतों से हमदर्दी.
लड़की ने अपनी मर्ज़ी से शादी कर ली, तो बिरादरी में नाक कट गई. ऐसी सोच वालों की कोई कमी नहीं और ना ही कमी है ऐसे पुलिस वालों की, जो झूठी शान बचाने के लिए अपनी औलाद की जान लेने वालों के मददगार हैं. अपने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान हमारा सामना ऐसे कई पुलिस वालों से हुआ. खाप पुलिस के इसी नेटवर्क में शामिल एक पुलिस वाले ने बताया ऐसा तरीका, जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे.{mospagebreak}
इस साल मार्च में करनाल के वेद प्रकाश को पुलिस की मौजूदगी में खाप पंचायत ने पीट पीटकर मार डाला क्योंकि उसने अपने गोत्र की लड़की सोनिया से शादी कर ली थी. ये बानगी हम इसलिए सुना रहे हैं ताकि आप जान सकें कि खाप पंचायतों में जो फरमान सुनाए जाते हैं, कैसे पुलिस वाले भी उससे इत्तफाक रखते हैं. ग्रेटर नोएडा के कुलेसरा पुलिस चौकी में ही एएसआई अजय सिंह के मातहत हेड कॉन्स्टेबल शीशपाल ने लड़की भागने की हमारी काल्पनिक कहानी सुनी और फिर समाज के हित के नाम पर हमारी मदद करने को राज़ी हो गया.
शीशपाल, हेड कॉन्स्टेबल- लड़की से फिर हम...आएगी तो है ही लड़की..लड़की हमारे सामने आकर बोलेगी कुछ... आप आगे की भी तो सोचो. मान लो अगर शादी कर रखी हो, कोर्ट मैरिज कर रखी हो तो आप क्या कर लोगे? तो ना तुम करो ना हम कुछ कर पाएंगे. भाई कोर्ट मैरिज कर रखी हो तो मान लिया ना हम कुछ बोलने लायक, ना तुम बोलने लायक. वहां दिक्कत आएगी ना. हम फालतू बात क्यों करें.
हेड कॉन्स्टेबल शीशपाल ने अपना तज़ुर्बा बताया कि लड़के को फर्जी केस में फंसाना कोई बड़ी बात नहीं हैं.
शीशपाल- ...को जेल भेज देंगे. कहीं ना कहीं मैं... को ठोक-पीट के जेल में भेज देंगे. एनडीपीएस के केस में... लड़की को केस में क्यों लाऊं? नहीं तो लड़की को यहां लाना पड़ेगा, कोर्ट के चक्कर क्यों कटवाऊं?
रोहतक से ग्रेटर नोएडा तक हम जिन पुलिस चौकियों में गए, वहां हमें एक भी ऐसा पुलिस वाला नहीं मिला, जिसने घर से फरार प्रेमी जोड़े को पकड़ कर अदालत में पेश करने की बात की हो.{mospagebreak}
आजतक की अंडर कवर टीम जब पुलिस वालों का स्टिंग ऑपरेशन करने निकली, तो लड़की के भागने की कहानी काल्पनिक थी. फिर भी पुलिस वालों को साफ-साफ बता दिया गया था कि लड़का-लड़की दोनों बालिग हैं. कानूनन पुलिस वालों को रोज़नामचे में सारी रिपोर्ट दर्ज़ करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. पुलिस वालों ने बस पैसों की डीलिंग की और शुरू हो गया उनका गैरकानूनी एक्शन.
हमारी काल्पनिक कहानी पर एक्शन शुरू करते समय इन पुलिस वालों ने पुलिस चौकी के रोज़नामचे में एंट्री तक नहीं की जबकि उनका पहला काम यही होना चाहिए था. उलटे पुलिस वाले कानून का ही मखौल उड़ाते हैं.
कानून के जानकारों के मुताबिक, अगर पुलिस के पास ऐसा कोई मामला आता भी है, तो वो एफआईआर दर्ज़ करके छानबीन कर सकती है. वो लड़के और लड़की को कस्टडी में लेकर उन्हें अदालत में पेश कर सकती है और फिर आगे का काम अदालत का है. लड़का-लड़की बालिग हैं या नाबालिग, ये फैसला अदालत करती है. लड़की नाबालिग हो तो लड़के पर अपहरण का मुकदमा चलता है और लड़की अगर बालिग हो तो वो खुद फैसला करती है कि उसे किसके साथ रहना है. लेकिन, इन पुलिस वालों ने अदालत-कानून को किनारे रख दिया और खुद बन गए खाप मानसिकता के पहरेदार.