श्रीलंका के खिलाफ लाये जाने वाले अमेरिकी प्रस्ताव का साथ नहीं देने की स्थिति में केन्द्र से अपना समर्थन वापस लेने की धमकी देने के एक दिन बाद संप्रग के महत्वपूर्ण घटक द्रमुक ने शनिवार को कहा कि पार्टी ने केन्द्र पर ‘जरूरी दबाव’ डाला है तथा उसे सरकार की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि ने कहा, ‘केन्द्र का जवाब ही समयसीमा है. उस समय तक की ही समयसीमा है.’ यह बात उन्होंने इस सवाल के जवाब में कही कि क्या उनकी मांग पर जवाब देने के लिए केन्द्र को कोई समयसीमा दी गयी है.
करूणानिधि ने कहा ‘हमने जरूरी दबाव डाला है.’ उन्होंने शनिवार को चेतावनी दी थी कि यदि भारत कोई कदम उठाने में विफल रहता है तो उनकी पार्टी का केन्द्र सरकार में बना रहना अर्थहीन होगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या कल की उनकी मांग पर कोई जवाब आया है, द्रमुक प्रमुख ने कहा, ‘अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.’ यह पूछने पर कि इस मुद्दे पर केन्द्र से उनकी उम्मीद क्या है, उन्होंने कहा, ‘केन्द्र को अमेरिका प्रयोजित प्रस्ताव में आवश्यक संशोधन शामिल करने के लिए प्रयास करना चाहिए.’ द्रमुक चाहता है कि भारत संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में अमेरिका के समर्थन से लाये जाने वाले प्रस्ताव में संशोधन लाकर श्रीलंका सरकार द्वारा किये गये कथित नरसंहार की स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग करे.
पार्टी की मांग है कि युद्ध अपराधियों की पहचान के अलावा संशोधन में उनके खिलाफ कठोर एवं समयबद्ध कार्रवाई की सिफारिश की जाये.
उन्होंने कहा, ‘चूंकि भारत संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में कोई प्रस्ताव पेश करने के लिए प्रयास नहीं कर रहा है, उसे आवश्यक संशोधनों के साथ अमेरिका प्रायोजित प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए.’