राजधानी दिल्ली में रविवार की रात चलती बस में सामूहिक बलात्कार एवं वीभत्स हमले का शिकार बनी 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा ने अस्पताल में मिलने आए परिवार के सदस्यों से पूछा, ‘क्या वे पकड़े गए?’ वहीं लड़की के पुरुष मित्र ने पहचान परेड के दौरान एक आरोपी को पहचान लिया.
छात्रा के परिवार के सदस्यों ने जब छात्रा से सफदरजंग अस्पताल में मुलाकात की तो उसने उनसे पूछा, ‘क्या वे पकड़े गए’. अस्पताल में फिलहाल चिकित्सकों की ‘तात्कालिक एवं सर्वोच्च प्राथमिकता’ पीड़िता को गहन चिकित्सा इकाई से बाहर निकालकर उसकी हालत को स्थिर करना है.
सूत्रों ने बताया कि लड़की की स्थिति नाजुक लेकिन स्थिर है, मुंह में ट्यूब लगे होने के कारण वह बोल नहीं पा रही है इसलिए अपनी बात कागज पर लिख कर बता रही है. उन्होंने कहा, ‘छात्रा को पता है कि उसका मामला मीडिया में आ चुका है. उसने अपने परिवार से पूछा कि क्या आरोपी पकड़े गए हैं? इससे पहले छात्रा का इलाज कर रहे सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि वह अब ‘स्थिर, चौकस और होश में है.’ चिकित्सकों को उसका ऑपरेशन करके उसकी छोटी आंत निकालनी पड़ी जो बिल्कुल क्षत विक्षत हो गई थी. चिकित्सकों ने बताया कि वह अब भी आईसीयू में जीवनरक्षक प्रणाली पर है. उसके महत्वपूर्ण मानदंड स्वीकार्य दायरे के भीतर हैं.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीड़ित लड़की के पुरुष मित्र ने तिहाड़ जेल में हुई शिनाख्त परेड में मुकेश की पहचान कर ली जो मामले के छह आरोपियों में से एक है. छात्रा का पुरुष मित्र एक साफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर है. अधिकारी ने कहा कि शिनाख्त परेड के दौरान पीड़िता के मित्र के समक्ष 11 लोगों को खड़ा किया गया था. परेड दोपहर तीन बजकर पांच मिनट पर शुरू होकर करीब एक घंटे तक चली.
अधिकारी ने कहा, ‘प्रक्रिया शाम चार बजे समाप्त हो गई.’ सामूहिक बलात्कार की शिकार छात्रा के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) सहित अन्य शिक्षण संस्थाओं के छात्र पीड़िता से एकजुटता प्रदर्शित करते हुए आज सफदरजंग अस्पताल पहुंचे. करीब 250 विद्यार्थियों ने अस्पताल के बाहर कैंडललाइट मार्च निकाला.
कल की तरह आज राजधानी में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आवास, इंडिया गेट और सफदरजंग अस्पताल के बाहर श्रृंखलाबद्ध प्रदर्शन हुए.
शीला दीक्षित ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार पीड़ित लड़की की हालत में सुधार होने पर उसे बेहतर इलाज के लिए दुनिया के किसी भी कोने में भेजने को तैयार है.
सफदरजंग अस्पताल में युवा लड़कियां छोटे समूहों में पीड़ित छात्रा से एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए पहुंचीं. वे छात्रा से आईसीयू में मुलाकात भी करना चाहती थीं.
दोपहर में करीब 150 प्रदर्शनकारी मुंह पर काली पट्टी बांधे हुये अस्पताल के बाहर आये और पीड़िता के लिये न्याय की मांग की.
इस अपराध के मद्देनजर महिलाओं का विश्वास बहाल करने के लिए कदम घोषित करने के एक दिन बाद गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि सरकार आरोपियों को ऐसी सजा दिलाने का प्रयास कर रही है, जिससे बाकियों को सबक हासिल हो और इस तरह के अपराधों पर रोक लगे.