दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार तथा प्रसार भारती के खिलाफ नोटिस जारी किया. उच्च न्यायालय में दायर याचिका में प्रसार भारती के एफएम गोल्ड तथा ऑल इंडिया रेडियो में महिला रेडियो प्रस्तोताओं का यौन उत्पीड़न एवं शोषण रोकने के निर्देश देने की मांग की गई है.
मुख्य न्यायाधीश डी. मुरुगेसन और न्यायमूर्ति वी. के. जैन की खंडपीठ ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से, इस जनहित याचिका पर जवाब मांगा तथा मामले की सुनवाई 15 मई तक के लिए स्थगित कर दी. सामाजिक कार्यकर्ता मीरा मिश्रा ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि उन्हें मीडिया रपटों के जरिए प्रसार भारती के रेडियो चैनलों में महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न की जानकारी मिली है.
इसके पहले ऑल इंडिया रेडियो ब्रॉडकास्टिंग प्रोफेशनल्स एसोसिएशन (एआईआरबीपीए) ने दिल्ली महिला आयोग में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि एफएम गोल्ड रेडियो स्टेशन में उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. जनहित याचिका में इस शिकायत का जिक्र किया गया है.याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में पेश हुए वकील सुग्रीव दुबे ने कहा कि इन रेडियो चैनलों में ये महिला कर्मचारी 15 वर्ष से भी ज्यादा समय से काम कर रही हैं, इसके बावजूद उनका यौन शोषण किया जाता है, और कई बार उन्हें बिना कारण बताए नौकरियों से हटा दिया जाता है.
याचिका में अदालत से आग्रह किया गया है कि केंद्र सरकार तथा प्रसार भारती को महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सेवा शर्तो के अनुसार ठोस नीति एवं दिशा-निर्देश निर्मित करने एवं अन्य जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए जाएं.