जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने अलगाववादी नेता मसरत आलम की नजरबंदी निरस्त कर दी है. मसरत पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत नजरबंद था.
अदालत ने मसरत आलम को रिहा करने का आदेश दिया है. वह अप्रैल से जम्मू की जेल में बंद है. पाकिस्तानी झंडा लहराने और राष्ट्र विरोधी नारे लगाने के आरोप में अप्रैल महीने में आलम को गिरफ्तार कर लिया गया था. आलम के वकील की ओर से दायर अर्जी पर पहले अपना आदेश सुरक्षित रखने वाले न्यायमूर्ति हसनैन मसूदी ने 45 साल के अलगाववादी नेता की (PSA) के तहत नजरबंदी निरस्त कर दी.
अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के नई दिल्ली से आने पर उनके स्वागत में आयोजित एक रैली में पाकिस्तानी झंडा लहराने और राष्ट्र विरोधी नारे लगाने के आरोप में 17 अप्रैल को मसरत आलम को गिरफ्तार कर लिया गया था.
मसरत हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का करीबी समझा जाता है. वह जम्मू-कश्मीर में कई बार विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर चुका है.
इस साल अप्रैल महीन में चौतरफा दबाव के बाद अलगाववादी नेता मसरत पर जम्मू-कश्मीर की मुफ्ती सरकार सख्त हुई थी और उस पर कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था. मसरत की हिरासत और गिरफ्तारी के विरोध में हुर्रियत पहले कश्मीर बंद करा चुकी है. उसने 15 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित नारे लगाए थे.