किसान गजेंद्र सिंह को शहीद घोषित करने के मामले मे हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. इस मामले में हाईकोर्ट ने चार हफ्ते में दिल्ली सरकार से जबाव मांगा है.
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि किस गाइडलाइन के तहत गजेंद्र को शहीद का दर्जा दिया गया है. हालांकि दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा था कि किसान गजेंद्र को शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है.
आत्महत्या पर उठा सवाल
याचिकाकर्ता ने कैबिनट के 28 अप्रैल के फैसले की RTI से मिली कॉपी कोर्ट के सामने पेश की है, जिसमे साफ़ लिखा है कि गजेंद्र को शहीद का दर्जा देने के अलावा उसका एक स्मारक भी बनाया जाएगा. साथ ही उसके परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी भी दिए जाने की बात कही गई है.
आत्महत्या एक अपराध है
इस मामले में हाई कोर्ट मे जनहित याचिका लगाई गई है. आत्महत्या एक अपराध है और अपराध करने वाले को कोई सरकार शहीद कैसे घोषित कर सकती है. अप्रैल में जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी की एक रैली के दौरान राजस्थान के किसान गजेंद्र ने फांसी लगा कर जान दे दी थी. जिसके बाद आम आदमी पार्टी विपक्षियों के निशाने पर आ गई थी.