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शराब पीने की उम्र सीमा घटाने से कोर्ट का इनकार

बंबई उच्च न्यायालय ने शराब पीने की न्यूनतम उम्र सीमा 21 साल से बढ़ाकर 25 साल करने से जुड़ी अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार करते हुए गुरुवार को एक जनहित याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब तलब किया.

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बंबई उच्च न्यायालय ने शराब पीने की न्यूनतम उम्र सीमा 21 साल से बढ़ाकर 25 साल करने से जुड़ी अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार करते हुए गुरुवार को एक जनहित याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब तलब किया.

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यह जनहित याचिका बॉलीवुड अभिनेता इमरान खान ने दायर की है. मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह और न्यायमूर्ति ए वी मोहता की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले पर विचार किए जाने की जरूरत है, लिहाजा सितंबर 2005 में जारी इस अधिसूचना पर रोक नहीं लगायी जा सकती. जनहित याचिका को विचार के लिए स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा, ‘राज्य सरकार 15 अप्रैल तक अपना जवाब दे.’

गौरतलब है कि सितंबर 2011 में इमरान खान ने उच्च न्यायालय का रुख कर महाराष्ट्र सरकार के उस प्रस्ताव को चुनौती दी थी जिसमें शराब पीने की न्यूनतम उम्र सीमा 21 से बढ़ाकर 25 साल करने का प्रावधान था. इमरान के वकील मिलिंद साठे ने दलील दी कि कानून के मुताबिक यदि कोई शख्स 18 साल का हो जाता है तो उसे वयस्क माना जाता है.

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साठे ने कहा, ‘18 साल की उम्र में किसी शख्स को मतदान की इजाजत मिल जाती है और वह ड्राइविंग लाइसेंस भी हासिल कर सकता है. लड़कियां 18 की उम्र में शादी के योग्य हो जाती हैं. सरकार मनमाने तरीके से ऐसी पाबंदियां नहीं लगा सकती है. 18 साल का शख्स अपने फैसले खुद ले सकता है.’

याचिका दायर करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में इमरान ने कहा था कि राज्य सरकार का प्रस्ताव लोकतांत्रिक देश में रहने वाले किसी नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन करता है.

इमरान ने कहा था, ‘यदि सरकार ने शराब की बिक्री पर पाबंदी नहीं लगायी है तो 21 साल की उम्र का कोई भी शख्स अपनी मर्जी से इसे पी सकता है. एक बालिग यह फैसला कर सकता है कि क्या सही है और क्या गलत.’

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