हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके जरिए कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनी 'उबर' के लाइसेंस संबंधी आवेदन को खारिज कर दिया गया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐप आधारित कैब के चलने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने पर शंका जाहिर की. अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार कड़ी शर्तें लगा सकती है, जिनका उबर भी पालन कर सकती है.
उबर के ड्राइवर पर संगीन आरोप
गौरतलब है कि दिल्ली में 5 दिसंबर, 2014 को एक महिला ने उबर टैक्सी कंपनी के ड्राइवर पर रेप का आरोप लगाया था. दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी शिव कुमार यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. ड्राइवर के खिलाफ दुष्कर्म, अपहरण और आपराधिक धमकी देने के आरोप तय किए गए.
आरोपी 32 वर्षीय शिव कुमार यादव ने 5 दिसंबर, 2014 को एक कामकाजी महिला के साथ अपनी टैक्सी में कथित तौर पर दुष्कर्म किया था. महिला उत्तर दिल्ली के इंद्रलोक में स्थित अपने घर वापस जाने के लिए टैक्सी किराए पर ली थी.
हंगामा होने पर लगी थी रोक
इस मामले पर हंगामा होने के बाद उबर की जांच-पड़ताल की गई. बाद में कई दूसरी कंपनियों की कैब में भी गड़बड़ियां पाई गईं.