मुंबई को खून के आंसू रुलाने अमेरिका से निकला डेविड कोलमैन हेडली भी इससे बेखबर था कि वह क्या करने जा रहा है. दरअसल, लश्कर ने उसे यह भनक ही नहीं लगने दी कि जहां उसे फोकस रखने को कहा गया है, वह असल निशाना है ही नहीं. उसे तो यह भी नहीं मालूम था कि मुंबई में हमले की वजह क्या थी.
हेडली को था निर्देश- सिद्धिविनायक मंदिर पर रखो फोकस
लश्कर कमांडर साजिद मीर ने हेडली को मुख्य रूप से मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर पर फोकस रखने को कहा था. हालांकि उसे ताज होटल के दूसरे फ्लोर और होटल के कोने-कोने की वीडियोग्राफी करने के निर्देश भी दिए गए थे. एक और टास्क था- ताज के कॉन्फ्रेंस हॉल, रेलवे स्टेशन और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की वीडियोग्राफी. हेडली ने ये बातें दूसरे दिन अपनी गवाही में कहीं. इससे पहले वह बता चुका है कि उसे रेकी की जिम्मेदारी दी गई थी.
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मैं ISI और ISI लश्कर के साथ काम कर रही थी
हेडली ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में थी. उसने कहा, 'मैं आईएसआई के लिए भी काम कर रहा था. इस दौरान पाकिस्तानी फौज के भी कई अफसरों से मिला. मुझे लगा था कि आईएसआई और लश्कर मिलकर काम कर रहे हैं.' हेडली ने यह भी कबूला कि आईएसआई ने उसे भारतीय सेना से एक जासूस बनाने को कहा था.
पैसा ISI और मॉरल सपोर्ट का और आतंक लश्कर का
हेडली ने अपनी गवाही में बताया कि सेना, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी गुटों को सारी आर्थिक मदद आईएसआई ही करती थी. यहां तक कि आईएसआई के अफसर आतंकी गुटों को मॉरल सपोर्ट भी देते थे. वह खुद आईएसआई के मेजर इकबाल के संपर्क में था.
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