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नेताओं-अफसरों की सेहत पर 5000 और गांव वालों की सेहत पर 180 रुपये खर्च करती है सरकार

जब आपकी सेहत पर खर्च की बात आती है तो केंद्र सरकार के मानदंड जरा अलग हैं. केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत प्रति व्यक्ति 5000 रुपये खर्च किए जाते हैं, जबकि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) के तहत एक व्यक्ति के स्वास्थ्य पर औसतन महज 180 रुपये ही खर्च किए जाते हैं.

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Harsh Vardhan
Harsh Vardhan

जब आपकी सेहत पर खर्च की बात आती है तो केंद्र सरकार के मानदंड जरा अलग हैं. केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत प्रति व्यक्ति 5000 रुपये खर्च किए जाते हैं, जबकि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) के तहत एक व्यक्ति के स्वास्थ्य पर औसतन महज 180 रुपये ही खर्च किए जाते हैं.

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केंद्रीय कर्मचारी स्वास्थ्य योजना के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों, कार्यरत और रिटायर्ड बाबुओं, संसद के मौजूदा और पूर्व सदस्य और न्यायपालिका के कर्मचारी आते हैं, जबकि ग्रामीण जनता का स्वास्थ्य खर्च एनआरएचएम के अंतर्गत आता है.

केंद्रीय कर्मचारी स्वास्थ्य योजना मोटे तौर पर केंद्र के टैक्स रेवेन्यू से चलाई जाती है. साथ ही इसके लाभार्थी भी अपनी सैलरी के हिसाब से इसमें 600 रुपये से लेकर 6000 रुपये तक की सालाना किस्त अदा करते हैं. हालांकि यह कुल खर्च का 5 फीसदी ही होता है बाकी का 95 प्रतिशत खर्चा सरकार वहन करती है.

पिछले साल सीजीएचएस कार्ड होल्डर्स की संख्या 10.3 लाख थी और इसके लाभार्थियों की संख्या 33.6 लाख. इन कार्ड होल्डर्स को कवर करने के लिए 1600 करोड़ रुपये खर्च हुए. लगभग 40 फीसदी कार्ड होल्डर्स दिल्ली में हैं और सीजीएचएस के कुल बजट का लगभग 60 फीसदी इन पर ही लग जाता है, इसके बाद कोलकाता में कार्ड होल्डर्स की संख्या 8 फीसदी है और कुल बजट का 4 फीसदी इन पर खर्च होता है.

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