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अंदर की आवाज सुनो, कम खाना खाओ और बुढ़ापे के ख्याल को नकार दो, आडवाणी के 3 मंत्र

‘अपने अंदर की आवाज सुनो. खाना कम खाओ और ये कभी मत सोचो कि तुम बूढ़े हो गए हो.’ ये कोई प्रवचन नहीं बीजेपी के बुजुर्ग नेता लालकृष्ण आडवाणी के तीन ज्ञान सूत्र हैं, जो उन्होंने मंगलवार को अपनी तीन किताबों के विमोचन पर साझा किए.

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कभी बीजेपी के केंद्र बिंदू रहे लालकृष्ण आडवाणी
कभी बीजेपी के केंद्र बिंदू रहे लालकृष्ण आडवाणी

‘अपने अंदर की आवाज सुनो. खाना कम खाओ और ये कभी मत सोचो कि तुम बूढ़े हो गए हो.’ ये कोई प्रवचन नहीं बीजेपी के बुजुर्ग नेता लालकृष्ण आडवाणी के तीन ज्ञान सूत्र हैं, जो उन्होंने मंगलवार को अपनी तीन किताबों के विमोचन पर साझा किए. ये किताबें आडवाणी के ब्लॉग पोस्ट का संकलन हैं. इनमें अंग्रेजी की किताब का शीर्षक है ‘माई टेक’ और हिंदी की किताबों के नाम हैं ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ और ‘दृष्टिकोण’.

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86 साल के आडवाणी ने कहा कि मुझे अपने जीवन के मायने और खुशी दोनों मिल गए हैं. वह बोले कि आलोचनाओं ने भी मुझे आगे बढ़ने में मदद की है. अपनी कट्टरपंथी छवि का जिक्र करते हुए आडवाणी बोले कि जब मैं 2005 में पाकिस्तान गया, तो इल्जाम लगा दिया गया कि मैंने अपनी पार्टी की विचारधारा के खिलाफ बगावत कर दी है. आडवाणी के इस कार्यक्रम में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं समेत आरएसएस मुखिया मोहन भागवत भी मौजूद थे. आडवाणी बोले कि ये मेरा सौभाग्य है कि यहां उस संगठन के प्रमुख आए हैं, जिसके साथ मैं 14 साल की उम्र से जुड़ा हुआ हूं.

जो कहते हैं, वह करते हैं आडवाणी
इस मौके पर मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलते के बाद रूठे आडवाणी को मनाने वाले भागवत बोले कि बीजेपी के यह नेता जो कहते हैं, वही करते हैं. भागवत बोले कि यह साबित हो चुका है कि आडवाणी की राजनीति और शब्दों में राष्ट्र हित सबसे ऊपर होता है. आडवाणी खेमे में गिनी जाने वाली नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज बोलीं कि हमें नहीं लगता था कि वह इतनी निरंतरता के साथ लिख पाएंगे.जिस तरह के विविध विषयों पर उन्होंने लिखा है, मैं उससे आश्चर्य चकित हूं.

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ब्लॉग पर जब तब पार्टी की आलोचना करने के सवाल पर माहौल हल्का करते हुए सुषमा बोलीं कि हमारे विपक्षी ये पढ़कर खुश हो जाते हैं. मगर वह भूल जाते हैं कि आडवाणी जी हमारे वरिष्ठ हैं और उन्हें हमारी गलतियों पर डांटने का हक है.
इस मौके पर योग गुरु रामदेव, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली और पार्टी के वरिष्ठ विचारक और पत्रकार अरुण शौरी भी मौजूद थे.

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