केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 11 राज्यों में सूखे के जो आंकड़े पेश किए, उस पर योगेंद्र यादव के संगठन स्वराज अभियान ने सवाल उठाए. मंगलवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता स्वराज अभियान की तरफ से प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने सूखे से प्रभावित लोगों के जो आंकड़े बताए हैं, असल में उससे ज्यादा लोग सूखे से प्रभावित हैं
प्रशांत भूषण के मुताबिक, 'सूखा प्रभावित राज्यों में 40 से 45 फीसदी लोग सूखे से प्रभावित हैं. यानी करीब 50 करोड़ लोग सूखे से प्रभावित हैं.' सरकार ने पिछली बार सुनवाई में कोर्ट को बताया था की 10 राज्यों के 256 जिलों में करीब 33 करोड़ लोग सूखे से प्रभावित हैं.
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े?
भूषण ने कहा, 'सरकारी आंकड़ों के ही मुताबिक बिहार के 15 जिले आंशिक रूप से सूखे से प्रभावित हैं. गुजरात के 15 जिले सूखे से आंशिक रूप से और 3 जिले थोड़े प्रभावित हैं. जबकि हरियाणा के 8 जिले आंशिक
रूप से और 4 जिले थोड़े प्रभावित हैं.'
'मनरेगा के तहत 50 दिन का रोजगार भी नहीं मिल रहा'
प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि सूखे को लेकर केंद्र और राज्य दोनों ही आंकड़ों की बाजीगरी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टरों को भी सरकार आदेश दे रही है कि किन जिलों में किन इलाकों को सूखा घोषित करना है और किनको नहीं. भूषण के मुताबिक, सरकारें मनरेगा के तहत सूखे के दौरान लोगों को 50 दिन का रोजगार भी नहीं दे पा रही हैं.