शाहजहांपुर में चिन्मयानंद की ओर से संचालित शैक्षणिक संस्थान से कानून की पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने उन पर रेप का आरोप लगाया था. कई दिनों की हीला-हवाली के बाद पुलिस ने चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत को आरोप लगाने वाली छात्रा के बयान की प्रति आरोपी चिन्मयानंद को उपलब्ध कराने का आदेश दिया था.
रेप पीड़िता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट के 7 नवंबर के इस आदेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 22 फरवरी तक टाल दी. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 22 फरवरी को सुनवाई होगी.
बता दें कि पीड़िता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में धारा 164 के तहत दर्ज कराए गए बयान की प्रति चिन्मयानंद को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए 17 नवंबर को इस फैसले पर रोक लगा दी थी. पीड़िता के वकील ने हाईकोर्ट के इस फैसले को गलती करार देते हुए कहा था कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे.
बता दें कि पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद इस मामले में जेल में बंद हैं. धन उगाही की कोशिश के आरोप में पीड़िता भी जेल में बंद थी. लगभग तीन माह के बाद दिसंबर में कोर्ट ने पीड़िता को जमान दे दी थी.