देश में हृदय रोग से पीड़ित मरीजों पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक हर दूसरा हृदय रोगी हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है. चौथे को शुगर की बीमारी है और हर पांचवें मरीज की धमनियों में समस्या है.
हृदयाघात के मरीजों की यह तस्वीर अमेरिका के कॉर्डियोलॉजी कॉलेज के एक अध्ययन में उभरकर सामने आई है. अमेरिकी संस्था ने ऐसे समय में ये आंकड़े जारी किए हैं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं. गौरतलब है कि अमेरिका के कार्डियोलॉजी कॉलेज (एसीसी) ने पूरे भारत में अपने केंद्र स्थापित किए हैं. एक अंग्रेजी अखबार ने यह खबर दी है.
एसीसी एक नॉन प्रॉफिट मेडिकल एसोशिएसन है जो दिल की बीमारियों के उपचार के निर्देशों के स्तर पर काम करती है. इस संस्था के निर्देश पूरी दुनिया में फॉलो किया जाता है.
भारत में हृदय रोगियों की औसत उम्र 52 साल
संस्था ने इसके तहत 85,295 मरीजों का अध्ययन किया है. इसके लिए 26 महीनों में मुंबई से लेकर पटना के 15 अस्पतालों में 2.11 लाख दौरे किए गए. इनमें गांव और शहर के 60,836 लोगों को हृदय रोग है.
केईएम हॉस्पिटल के कॉर्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. प्रफुल्ल केरकर के कहा, 'पूरे भारत से जुटाए गए ये आंकड़े वैज्ञानिक हैं.' केरकर एसीसी पिन्नैकल रजिस्ट्री इंडिया क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम के चेयरपर्सन भी हैं.
विश्व हृदय दिवस के आसपास जारी किए गए एसीसी डाटा के मुताबिक भारत में हृदय रोगियों की औसत उम्र 52 साल है. अध्ययन के वाइस-चेयरपर्सन और हीरानंदानी अस्पताल के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. गणेश कुमार ने कहा, 'अगर एसीसी के अमेरिकी आंकड़ों पर देखें, तो वहां हृदय रोगियों की औसत उम्र ज्यादा है. साफ है कि भारतीय हृदय रोग की चपेट में जल्दी आ जाते हैं.'