यह खबर दिल को छू लेने वाली है और इसमें दिल्ली जैसे महानगर के प्रशासन के लिए सीख भी है. दरअसल, डॉक्टरों और नगर प्रशासन की सूझ-बूझ से चेन्नई में एक शख्स की जिंदगी बच गई.
पूरा मामला इस तरह है. चेन्नई के एक मरीज के हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए बेंगलुरु से दिल लाया गया. यह काम आसान नहीं था, क्योंकि ट्रैफिक में फंसने से ट्रांसप्लांट के लिए लाया जाने वाला दिल बेकार हो सकता था. लेकिन हवाई अड्डे से अस्पताल की दूरी को बगैर ट्रैफिक में फंसे पूरा करने के लिए चेन्नई और बेंगलुरु, दोनों शहरों में इंतजाम किए गए.
दोनों ही शहरों में 54 किलोमीटर सड़क मार्ग को खाली कराया गया. इस वजह से चार से सात घंटे में पूरा होने वाला सफर सिर्फ दो घंटे सात मिनट में पूरा हो गया. आखिरकार, चेन्नई के अस्पताल में मरीज के दिल का सफल प्रत्यारोपण हो गया.