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गर्मी से मचा कोहराम, पानी को तरसे लोग

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वीराज चौहान ने बताया कि इस साल पूरे देश में जून से सितंबर के बीच औसतन सिर्फ़ 93 फ़ीसदी बरसात होगी. उत्तर भारत में सिर्फ़ 81 फ़ीसदी पानी बरसेगा.

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मॉनसून की देरी से पूर देश में हाहाकार मच गया है. देश के ज़्यादातर हिस्सों में लोग आसमान की तरफ़ ताक रहे हैं लेकिन बादलों के दर्शन नहीं हो रहे. अब तो सरकार ने भी कह दिया है कि इस बार पानी सामान्य से कम बरसेगा.

इस साल बारिश होगी कम
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वीराज चौहान ने बुधवार को बताया कि इस साल पूरे देश में जून से सितंबर के बीच औसतन सिर्फ़ 93 फ़ीसदी बरसात होगी. उत्तर भारत में सिर्फ़ 81 फ़ीसदी पानी बरसेगा. हालांकि मध्य भारत में 99 फ़ीसदी बारिश का अनुमान है.

भाखड़ा बांध में पानी की कमी
पांच राज्यों को पानी सप्लाई करने वाला भाखड़ा बांध भी तेज़ी से सूख रहा है. जिसका असर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश पर पड़ना तय है. इस बांध को पीछे से ही पानी नहीं मिल रहा है. फ़िलहाल आने वाले पानी की मात्रा 21 हज़ार 600 क्यूसेक है, जो कि पिछले साल 34 हज़ार 8 सौ क्यूसेक थी. पांचों राज्यों में पानी की मांग 32 हज़ार क्यूसेक है.

बांध में पानी का स्‍तर गिरा
फिलहाल भाखड़ा से 28 से 30 हज़ार क्यूसेक पानी हर रोज़ छोड़ा जा रहा है. बांध में पानी का स्तर फिलहाल 1504 फीट पर है जो कि 1485 फीट से कम नहीं किया जा सकता. अगर बांध को पानी नहीं मिला तो जल्द ही उसे पानी की सप्लाई कम करनी पड़ेगी. साथ ही यहां से बिजली का उत्पादन भी काफ़ी कम हो जाएगा. यानी एक साथ पानी और बिजली दोनों का संकट. इन हालात पर चर्चा करने के लिए भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड ने कल पांचों राज्यों की मीटिंग बुलाई है.

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