हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो ने एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) प्लॉट अलॉटमेंट केस में कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. आरोपियों में हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हूडा) के तत्कालीन चेयरमेन भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम भी शामिल है, जो उस समय राज्य के मुख्यमंत्री थे. हालांकि एफआईआर में उनका नाम नहीं बल्कि सिर्फ पद का जिक्र किया गया है.
FIR में शामिल हैं कई अधिकारियों के नाम
एफआईआर में हूडा के चैयरमेन के अलावा तत्कालीन चीफ एडमिनिस्ट्रेटर और एडमिनिस्ट्रेटर पर भी आईपीसी की धाराएं 409, 420 और 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 लगाई गई है. एफआईआर में एजेएल के प्रदेश के वित्तीय आयुक्त और पदाधिकारियों के नाम भी शामिल हैं.
हरियाणा के मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, 'विजिलेंस विभाग अपना काम कर रहा है, हम उसमें दखलअंदाजी नहीं करेंगे. जिन लोगों ने गलत काम किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'
Vigilance dep is doing its work,we won't interfere.Action will be taken against people who've done wrong:Haryana CM pic.twitter.com/VsYedkh4bP
— ANI (@ANI_news) May 8, 2016
प्लॉट के आवंटन में हुई थी गड़बड़ियां
एजेएल को पंचकुला सेक्टर 6 में 3,360 वर्म मीटर का प्लॉट आवंटित किया गया और आवंटन में गड़बड़ियां सामने आईं थी. हुड्डा की कांग्रेस सरकार के 2005 में सत्ता में आने के 6 महीने बाद ही इस घोटाले का खुलासा हो गया था. एजेएल नेशनल हेराल्ड न्यूजपेपर का पब्लिशर था.
पुराने रेट पर किया गया आवंटन
एफआईआर में कहा गया है कि 18 अगस्त 2005 को हूडा के चीफ ने प्लॉट का आवंटन करने के लिए अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और नियमों का उल्लंघन किया. आरोप है कि एजेएल को प्लॉट उस कीमत पर आवंटित किया गया, जो 1982 में तय की गई थी. दरअसल एजेएल को ये प्लॉट 1982 में ही आवंटित किया गया था लेकिन कंपनी ने इसका इस्तेमाल नहीं कर पाई और 1996 में इस पर क्लेम किया.
राजनैतिक प्रतिशोध के तहत कार्रवाई: हुड्डा
हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा कि आवंटन में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है.हुड्डा ने हरियाणा में भाजपा सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि यह कार्रवाई राजनैतिक प्रतिशोध के तहत की गई है.