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मैदानी इलाके हों या फिर पहाड़ी राज्य, बाढ़ और बारिश से हाल बेहाल

देश में आज रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा रहा है. खुशियां मनाई जा रही है. लेकिन भारत के ही कई हिस्सों में कुदरत कहर बरपा रही है. मैदानी इलाके हों या फिर पहाड़ी राज्य, बाढ़ और बारिश से हाल बेहाल है.

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देश में आज रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा रहा है. खुशियां मनाई जा रही है. लेकिन भारत के ही कई हिस्सों में कुदरत कहर बरपा रही है. मैदानी इलाके हों या फिर पहाड़ी राज्य, बाढ़ और बारिश से हाल बेहाल है. सबसे बुरा हाल ओडिशा और उत्तर प्रदेश का है जहां कई नदियां उफान पर हैं. उत्तराखंड में भी बारिश के बाद भूस्खलन से बदरीनाथ नेशनल हाईवे लगातार 3 दिनों से बंद है. रविवार को भी उसे यातायात के लिए नहीं खोला जा सका है.

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यूपी के बहराइच में टूटा घाघरा नदी का कहर
बहराइच में घाघरा और सरयू की बाढ़ ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया है. कटान के चलते तमाम आशियाने नदी में समा चुके हैं. बेबस लोगों के सिर पर अब न छत है ना छप्पर, खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं. उफनाती घाघरा तेजी से जमीन निगल रही है और लोग किनारों पर खड़े उसे बेबस निहारने पर मजबूर हैं. नदी में समाने के कगार पर खड़े पेड़ों को काटने की कोशिश की जाती है. ताकि ईंधन के ही काम आ सकें. लेकिन तेज बहाव के आगे ये कोशिश भी नाकाम है. बहराइच के आदमपुर रेवली, बेलहा, बेहरौली और महसी विकासखंड के चुरई पुरवा जैसे गांवों के कमोवेश यही हालात हैं. घाघरा कटान में आशियाने समेत जमापूंजी निगल रही है और जनता बेबस है. पक्के मकान में रहने वाले पॉलिथिन के तंबुओं में बसर कर रहे हैं लेकिन अधिकारी मस्त हैं, कोई पूछने वाला नहीं.

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गोंडा जिला बाढ़ की चपेट में
उत्तर प्रदेश का गोंडा जिला भी बाढ़ की जबरदस्त चपेट में है. उफनती सरयू और घाघरा का पानी गोंडा की दो तहसीलों के 12 गांवों में घुस गया है. तरबगंड तहसील के गांवों में बाढ़ का संकट ज्यादा गहराया हुआ है. हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. बरसाती पानी से लबरेज नदी की चपेट में हजारों एकड़ फसल आ गई है. बस्तियों में लोग परेशान हैं. रास्ते बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. जिनके पैरों को रास्तों की पहचान है अंदाज से चले जा रहे हैं. जहां पानी गहरा है वहां यातायात का साधन नाव बन गई है. जिले के बारह गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. बाढ़ ने जनजीवन पर बुरा असर डाला है. लोगों के सामने दिक्कत ये है कि बाढ़ की चपेट में आने के बाद जरूर चीजें खरीदने बाजार तक नहीं जा पा रहे हैं. घरों में राशन खत्म होने को है. बच्चे बीमार पड़ने लगे हैं. इंसान और मवेशी सब खाद्यान्न के संकट से जूझ रहे हैं.

फिलहाल राहत की खबर ये कि शनिवार को घाघरा और सरयू का जलस्तर घटा है. सरयू एल्गिन ब्रिज पर 0.2 सेंटीमीटर और अयोध्या में 0.7 सेंटीमीटर खतरे के निशान से नीचे रही. प्रशासन भी बाढ़ से निपटने के लिए मुस्तैदी दिखा रहा है. तरबगंज तहसील के 10 गावों और करनैलगंज के 2 गांवों 32 नाव लगा दी गई हैं. प्रशासन की मदद धीरे-धीरे लोगों तक पहुंच रही है. इस बीच लोग किसी तरह अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं.

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टिहरी में बाढ़ का कहर
टिहरी में बरसात मुसीबत बनी है. निवाल गांव के पास पगिरियाणा के जगंल में बादल फटने से घनसाली के बूढाकेदार में बाल गंगा ओर धर्मगंगा नदी में बाढ़ आ गई. जिससे बूढाकेदार-अगुण्डा, कोट-बिशन मोटर मार्ग का 50 मीटर हिस्सा फिर बह गया. नदी इतनी तेजी से उफनी कि 10 फीट से ज्यादा ऊंची जेसीबी मशीन को पल भर में निगल गई. बूढाकेदार-अगुण्डा, कोट-बिशन मोटर मार्ग बह जाने से 6 गांव अलग-थलग पड़ गए हैं. साथ ही कई मकान खतरे की जद में आ गए हैं. बाढ़ से थाती, बूढाकेदार और रगस्या गोफल गांव पर खतरा मंडरा रहा है. प्रशासन ने इस इलाके में एनडीआरएफ की टीम भेजने का फैसला लिया है. इस साल देर से आया मानसून विदाई के वक्त भी परेशानी का सबब बना हुआ है. बाढ़ ने यूपी उत्तराखंड के कई इलाकों को अपनी चपेट में ले रखा है.

बाढ़ ने ओडिशा में मचाई तबाही
ओडिशा में महानदी के डेल्टा क्षेत्र में 18 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं और अब तक 35 लोगों की जान जा चुकी है. ओडिशा का बहत बड़ा इलाका पानी में डूबा हुआ है. गांवों में जाने के रास्ते बंद हैं. नाव के जरिए ही राहत और बचाव किया जा रहा है. हालांकि पिछले एक दिन से महानदी का जलस्तर कम हुआ है लेकिन बाढ़ग्रस्त इलाकों में पानी के स्तर में कमी नहीं आई है. वैतरणी नदी की बाढ़ में केंद्रपाड़ा और पूरी जिलों की बीसियों तहसील पानी में पूरी तरह डूब गई हैं. इस बीच जाजपुर और भद्रक जिलों में हालात सुधरे हैं. ओडिशा के 23 जिलों के 3990 गांव, 132 ब्लॉक, और 1084 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक शुक्रवार को ही बाढ़ प्रभावित कटक, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और भद्रक जिलों का हवाई दौरा कर चुके हैं.

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पश्चिम बंगाल में भी बाढ़
पश्चिम बंगाल भी बाढ़ से बेहाल है. बीरभूम के पास हिंगलो नदी की बाढ़ नेशनल हाईवे 60 पर चढ़ आई. हाईवे से गुजर रहा एक मिनी ट्रक बाढ़ की चपेट में आकर बह गया. जबकि एक बड़ा ट्रक बाढ़ के पानी में फंस गया. हाईवे पर बाढ़ आने से लंबा जाम लग गया. स्थानीय लोगों के मुताबिक बीरभूम के गंगाराम चौक बांध से अचानक पानी छोड़ने से बाढ़ आई जिससे बीरभूम के लोगों की मुसीबत बढ़ गई.

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