मानसून की बारिश जहां एक तरफ गुजरात और राजस्थान में कहर बरपा रही है, वहीं दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाब का क्षेत्र यानी डिप्रेशन ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड जोरदार बारिश कर रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी से उठा डिप्रेशन अभी और तेजी पकड़कर पूर्वी भारत में और ज्यादा मूसलाधार बारिश देगा.
उड़ीसा में भारी बारिश का खतरा
खास बात यह है कि यह वेदर सिस्टम एक ही जगह पर ठहरा हुआ है और अगले 48 घंटों में यह सिस्टम एक डीप डिप्रेशन में तब्दील हो जाएगा. इसके चलते मौसम विभाग ने आशंका जाहिर की है कि उड़ीसा में कई जगहों पर अगले 48 घंटों में भारी बारिश रिकॉर्ड की जाएगी, लेकिन 31 जुलाई को उड़ीसा में भारी से बहुत भारी बारिश यानी 25 सेमी से ज्यादा की बारिश होने का खतरा है.
पिछले 24 घंटों से बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक ओडिशा, झारखंड और पश्चिमी बंगाल के एक बड़े इलाके में बहुत भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो चुका है. उड़ीसा में ज्यादातर इलाकों में झमाझम बारिश जारी है. यहां पर 10 से 23 सेमी तक की भारी बारिश अलग- अलग इलाकों में रिकॉर्ड की गई. पश्चिमी बंगाल के गांगेड़ क्षेत्रों में 7 से लेकर 24 सेमी तक की बारिश पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड की गई.
मछुआरों को चेतावनी
झारखंड में कई इलाकों में 7 से लेकर 20 सेमी तक बारिश रिकॉर्ड की गई. पश्चिम बंगाल और उत्तरी उड़ीसा के तटीय इलाकों में 31 जुलाई तक 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी. समंदर में इसके चलते ऊंची-ऊंची लहरें उठेंगी. मछुआरों को समंदर में न जाने की चेतावनी जारी की गई है.
गहरा रहा डिप्रेशन
मौसम के जानकारों का कहना है कि जहां एक तरफ पूर्वी भारत में बंगाल की खाड़ी पर डिप्रेशन गहरा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ भारत के पश्चिमी छोर यानी गुजरात के ऊपर डीप डिप्रेशन बन चुका है. दोनों वेदर सिस्टम मानसून के अक्ष को जोड़ रहे हैं. इससे जहां एक तरफ मध्य भारत और पश्चिम भारत में झमाझम बारिश हो रही है, वहीं दूसरी तरफ उड़ीसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश रिकॉर्ड की जा रही है. हिमालय पर जोरदार बारिश सिलसिला रुक-रुककर जारी है.