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दिल्ली में भारी बारिश ने बढ़ाई मेट्रो की सवारियां

मॉनसूनी बारिश, सड़कों पर जमा पानी और यातयात जाम में फंसने की आशंका के चलते नियमित यात्रियों के अलावा हजारों और लोगों ने बुधवार को मेट्रो पर भरोसा जताया और बुधवार को मेट्रो से यात्रा करने वालों की संख्या एक नये रिकार्ड के साथ साढ़े 13 लाख से ज्यादा हो गई.

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मॉनसूनी बारिश, सड़कों पर जमा पानी और यातयात जाम में फंसने की आशंका के चलते नियमित यात्रियों के अलावा हजारों और लोगों ने बुधवार को मेट्रो पर भरोसा जताया और बुधवार को मेट्रो से यात्रा करने वालों की संख्या एक नये रिकार्ड के साथ साढ़े 13 लाख से ज्यादा हो गई.

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मेट्रो से प्रतिदिन औसतन साढ़े 11 लाख लोग यात्रा करते हैं लेकिन इस हफ्ते सोमवार और बुधवार को 13 लाख से अधिक लोगों ने मेट्रो की सवारी की, जिससे मुनाफे में चल रही दिल्ली मेट्रो रेल निगम के राजस्व में इजाफा हुआ.

बुधवार सुबह अपने काम धंधों पर निकले लोगों ने अपने दुपहिया एवं कारों को मेट्रो स्टेशन में पार्क कर दिया और अपने गंतव्य तक जाने के लिए मेट्रो का विकल्प चुना, जिससे उन्हें सड़कों पर जमा पानी एवं यातायात जाम में फंसने की आशंका से निजात मिली. दिल्ली मेट्रो की सभी पांच लाइनों पर कुल 13 लाख 60 हजार लोगों ने यात्रा की और यह आंकड़ा सोमवार के 13 लाख 12 हजार के रिकार्ड को पार कर गया.

डीएमआरसी के अधिकारियों ने कुल राजस्व के बारे में बताने से इनकार कर दिया लेकिन समझा जाता है कि भीड़ के कारण उसे कम से कम 30 लाख रुपये की आमदनी हुई. मेट्रो की सवारी में अचानक आई तेजी का कारण मॉनसूनी बारिश है. पिछले छह दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण राजधानी की सड़कें पानी पानी हैं. {mospagebreak}

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मेट्रो की लाइन नंबर तीन (द्वारका सेक्टर नौ से नोएडा सिटी सेंटर तक) पर सवारियों की संख्या सबसे ज्यादा चार लाख 29 हजार रही. इसके बाद लाइन नंबर एक (रिठाला-दिलशाद गार्डन) पर 3.13 लाख लोगों एवं लाइन नंबर दो (जहांगीरपुरी-केंद्रीय सचिवालय) पर 3.12 लाख लोगों ने यात्रा की. डीएमआरसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली मेट्रो में पिछले कुछ महीने से सवारियों की संख्या लगातार 11 लाख के आसपास बनी हुई है लेकिन इस हफ्ते दो बार यह आंकड़ा 13 लाख तक पहुंच गया.

दिल्ली मेट्रो की पांच लाइनों पर फिलहाल एक सौ से ज्यादा ट्रेनें चल रही हैं और प्रत्येक 10 से 15 दिनों में इस बेड़े में एक नयी ट्रेन जोड़ी जा रही है. दिल्ली मेट्रो एक दिन में 40 हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करती है और पांचों लाइनों पर दो हजार से ज्यादा फेरे लगाती है. बहरहाल गुड़गांव-कुतुबमीनार कोरीडोर पर छतरपुर स्टेशन को बुधवार को आम जनता के लिए खोल दिया गया.

प्रवक्ता ने कहा कि सुबह छह बजे से छतरपुर स्टेशन पर गाड़ियां रुक रही हैं. छतरपुर मेट्रो स्टेशन स्टील से बना है, क्योंकि कंक्रीट की तुलना में इसके निर्माण में कम वक्त लगता है. डीएमआरसी सितंबर 2006 से छतरपुर इलाके में भूमि अधिग्रहण की कोशिश कर रही थी लेकिन लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अक्तूबर 2009 में यह करीब दो हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करने में सफल रही.

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