बीते 18 घंटे से अधिक समय से पश्चिम बंगाल में हो रही लगातार बारिश ने
बाढ़ की समस्या को और विकराल बना दिया है. राज्य के दक्षिणी इलाके में 14
जिलों में बाढ़ का पानी घुस गया है. एक आकलन के मुताबिक, 20 लाख हेक्टेयर
से अधिक कृषि भूमि में लगी फसल पर बारिश ने पानी फेर दिया है, वहीं अब 50
लोगों की मौत की खबर है. बाढ़ के चलते बर्दवान यूनिवर्सिटी में 9 अगस्त तक की सभी परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई हैं.
जानकारी के मुताबिक, राज्य के विभिन्न हिस्सों में करीब 1 लाख 80 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जबकि रिलीफ कैम्प को 2 लाख से अधिक लोग अपना बसेरा बना चुके हैं. हालात के मद्देनजर मुख्य सचिव और गृह सचिव की बैठक हुई है, वहीं सभी प्रभावित जिला के जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हालात का जायजा लिया जा रहा है. राज्यभर में 100 से अधिक मेडिकल कैम्प लगाए गए हैं. मंत्रियों से विभिन्न इलाकों में जाकर बाढ़ राहत कार्य का जायजा लेने के लिए कहा गया है.
बारिश और बाढ़ से आधा हिंदुस्तान पानी-पानी हो गया है. मणिपुर में भूस्खलन से जहां 21 लोगों की मौत हो गई है, वहीं उत्तराखंड में एक बस के नदी में पलट गई. बस में 35 लोग सवार थे. गुजरात और राजस्थान में भी बारिश के कारण लोगों का हाल बेहाल है. जबकि गंगोत्री के रास्ते मे भूस्खलन के कारण सड़क मार्ग के बाधित होने की खबर है.
बंगाल में दो दिनों तक बारिश के आसार
मौसम विभाग ने अगले दो दिन में और ज्यादा मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान
व्यक्त किया है. शनिवार को बाढ़ के बाबत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
ने कहा, 'अब तक 966 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिसमें 1.19 लाख प्रभावित
लोगों ने शरण ले रखी है. हमने 124 मेडिकल शिविर बनाए हैं.'
एक समीक्षा बैठक के बाद राज्य में बाढ़ के हालात के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा के मैदानों के 12 जिले प्रभावित हुए हैं, जबकि बारिश या बाढ़ से जुड़ी मौतों की संख्या बढ़ी नहीं है.
ममता ने लिया स्थिति का जायजा
ममता बनर्जी बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए हावड़ा जिले के
उदयनारायणपुर भी पहुंची. उदयनारायणपुर बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
अधिकारियों ने बताया कि ममता जल्द ही अन्य बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर
सकती हैं. राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम शनिवार को हुगली जिले के
आरामबाग गए और बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए किए गए राहत इंतजामों का
जायजा लिया.
मणिपुर में भूस्खलन से 21 की मौत
मणिपुर के चंदेल जिले के जुमोआल गांव में भारी बारिश से हुए भूस्खलन में शनिवार को 21 लोगों की मौत हो गई. जिले के पुलिस अधीक्षक हीरोजीत सिंह ने कहा कि जिले के खांगबरोल सब-डिवीजन के तहत आने वाले जुमोआल गांव में भूस्खलन से लोग मारे गए हैं. सिंह ने कहा कि पुलिस की एक पुलिस को मौके पर भेजा गया है. जुमोआल गांव भारत-म्यांमार सीमा के पास है.
एनडीआरएफ ने शुरू किया बचाव कार्य
केंद्र सरकार ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत अभियानों के लिए एनडीआरएफ को तत्काल मणिपुर के लिए टीम भेजने को कहा, जबकि एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची चुकी है. बचाव कार्य शुरू हो गया है. टीम के रवाना होने को लेकर राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर जानकारी दी.
NDRF teams have been rushed to the landslide affected areas of Chandel district. I assured the Manipur CM of all help from the Centre.
— Rajnath Singh (@BJPRajnathSingh) August 1, 2015
इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह से फोन पर बात की और उन्हें विश्वास दिलाया कि चंदेल जिले में भूस्खलन से बने हालात से निपटने के लिए हर तरह की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी. गृह राज्यमंत्री किरन रिजीजू सोमवार को मणिपुर जाकर हालात का जायजा ले सकते हैं.
उत्तराखंड में बस पलटी
शनिवार को उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद कॉर्बेट से निकलने वाले धनगढ़ी नाले में पहाड़ मानिला से आ रही यात्रियों से भरी बस तेज बहाव में बह गई. पानी के तेज बहाव में बस कुछ दूर जाकर पलट गई. बस में 35 लोग सवार थे. हालांकि बस के यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचा दिया गया है, लेकिन बस अभी पानी में ही पलटी हुई है. नाले में पानी कम होने के बाद बस को निकाला जाएगा.
गुजरात में अब तक 53 की मौत
उत्तरी गुजरात में इस हफ्ते भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और मृतक संख्या 53 हो गई है. अधिकारियों ने कहा कि इनमें से 28 लोग सबसे बुरी तरह प्रभावित बनासकांठा जिले में मारे गए. राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों ने कहा, 'मृतक संख्या 53 हो गई है, जिनमें बुरी तरह प्रभावित बनासकांठा में मारे गए 28 लोग शामिल हैं.'
एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक उत्तरी गुजरात और कच्छ में बाढ़ से हुई भारी तबाही को देखते हुए मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने संपत्ति के नुकसान पर मुआवजे की घोषणा की.
झारखंड: चार दिन से मूसलाधार बारिश
झारखंड में पिछले चार दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. राज्य की सभी नदियां उफान पर हैं और कई छोटे पुल ध्वस्त हो गए हैं. निचले इलाकों में कई जगह 5-5 फीट तक पानी भर गया है. सबसे बुरा हाल ग्रामीण इलाकों का है. यहां आलम ये है की दर्जन भर गावों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है.