नेशनल हेराल्ड विवाद की वजह बनी एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड (AJL) का नाम बदलने की तैयारी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की पेशी से पहले अचानक एजेएल की एनुअल जनरल मीटिंग बुला ली गई. इसके लिए एजेएल की ओर से अखबारों में विज्ञापन दिया गया.
21 जनवरी को बुलाई बैठक
एजेएल ने विज्ञापन देकर शेयरधारकों की यह बैठक 21 जनवरी को लखनऊ में 1, विश्वेश्वर नाथ रोड पर बुलाई है. एजेएल पर सोनिया और राहुल की कंपनी यंग इंडिया का अधिकार है. अब कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर मोतीलाल वोरा ने 762 शेयरधारकों से सहमति मांगी है, ताकि इसे कंपनी कानून के सेक्शन-8 के तहत लाया जा सके. 2011 में एजेएल के शेयर यंग इंडियन को दे दिए गए थे.
एजीएम पर कांग्रेस की सफाई
एजेएल का नाम बदलने पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका से इसका कोई लेना-देना नहीं है. इस संबंध में फैसला बहुत पहले लिया जा चुका था. हाल ही में पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने भी कहा था कि एजेएल नेशनल हेराल्ड के रिवाइवल के लिए ही बनाई गई थी.
क्या फर्क है दोनों धाराओं में
यंग इंडियन सेक्शन-25 कंपनी है. हालांकि यह भी नॉन-प्रॉफिट कंपनी ही है. लेकिन यह कंपनी एक्ट 1956 के तहत दर्ज है. कंपनी एक्ट 2013 का सेक्शन-8 और 1956 का सेक्शन 25 एक ही हैं. फर्क सिर्फ इतना ही है कि यंग इंडियन 2013 के कानून के अस्तित्व में आने से पहले रजिस्टर हो गई थी. दोनों ही कंपनियों के शेयर होल्डर इससे होने वाले लाभ का इस्तेमाल नहीं कर सकते.