विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक के इन कथित दावों को गुरुवार को गलत बताया कि पाकिस्तान यात्रा के दौरान उनकी जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद से मुलाकात के बारे में इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को जानकारी थी. सुषमा स्वराज ने लोकसभा में दिए एक बयान में कहा कि वैदिक हाफिज मुलाकात के बारे में पाकिस्तान से भारतीय उच्चायोग की रिपोर्ट आ गई है और उसमें साफ साफ कहा गया है कि उच्चायोग को भारत के इस पत्रकार की आतंकी नेता हाफिज सईद से मुलाकात के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
उन्होंने कहा, ‘रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्चायोग को यह जानकारी ही नहीं थी कि वैदिक हाफिज सईद से मिलने जा रहे हैं इसलिए उच्चायोग के द्वारा इस मुलाकात को मदद देने का तो सवाल ही नहीं उठता.’
विदेश मंत्री ने कहा कि वह पहले भी सदन में कह चुकी हैं कि वैदिक की सईद से मुलाकात का या उनकी पाकिस्तान यात्रा का भारत सरकार से दूर दूर तक लेना देना नहीं है.
इससे पहले सदन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद कांग्रेस, एनसीपी, आरजेडी और सीपीएम के सदस्यों ने इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया और मांग की कि विदेश मंत्री सदन में आ कर इस बात का स्पष्टीकरण दें कि वैदिक और हाफिज सईद की मुलाकात में पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग की क्या भूमिका रही है. इस मुद्दे को लेकर सदन में लगभग 20 मिनट तक हंगामा हुआ और इन दलों के नेता आसन के समक्ष आ कर वैदिक को मत बचाओ, हाफिज का सच बताओ के नारे लगा रहे थे.
कांग्रेस के नेता मल्लिार्जुन खड़गे सहित विभिन्न विपक्षी दलों के नेता आसन से मांग कर रहे थे कि विदेश मंत्री तत्काल आ कर सदन में इस बारे में बयान दें. हंगामे के बीच ही संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू को सदन से बाहर जाते देखा गया और कुछ देर बाद ही उन्होंने आ कर सदन में बताया कि सदस्यों की भावना से उन्होंने विदेश मंत्री को अवगत करा दिया है और वह जल्द ही सदन में आ कर बयान देंगी. इसके कुछ ही देर बाद सुषमा ने आ कर अपनी बात रखी.