दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को पर्यावरणविद् आर.के. पचौरी को विदेश यात्रा पर जाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया. पचौरी यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी हैं और उन्होंने ग्लोबल वाटर समिट में शामिल होने के लिए विदेश यात्रा की अनुमति मांगी थी.
पचौरी ने 26 से 29 अप्रैल तक ग्रीस में होने वाले जल शिखर सम्मेलन में भाग लेने जाने के लिए कोर्ट की अनुमति मांगी थी.
दिल्ली पुलिस ने पचौरी की याचिका का जोरदार विरोध करते हुए कहा कि शिखर सम्मेलन में उनकी उपस्थिति आवश्यक नहीं है और अगर उन्हें विदेश जाने की अनुमति मिल जाती है तो वे कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर सकते हैं. पुलिस की दलील सुनने के बाद न्यायमूर्ति एस.पी. गर्ग ने पचौरी को विदेश जाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया.
कोर्ट गर्ग ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि वहां (जल शिखर सम्मेलन ) पर पचौरी की उपस्थिति जरूरी है.' कोर्ट के इस फैसले के बाद पचौरी के वकील ने याचिका वापस ले ली.
पचौरी को 21 मार्च को अग्रिम जमानत दी गई थी. इसके साथ ही उन्हें आदेश दिया गया था कि वे अदालत की अनुमति के बगैर देश से बाहर नहीं जाएंगे.
उन्हें द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) परिसर में भी न आने के निर्देश दिए गए हैं.
पचौरी के खिलाफ एक महिला अनुसंधान विश्लेषक ने आरोप लगाया है. सितंबर 2013 में टेरी के जुड़ने के बाद से ही महिला ने विभिन्न संदेश, ईमेल और व्हाट्सएप संदेशों का हवाला देते हुए पचौरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
पचौरी ने फरवरी में यूएन इंटर गवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने टेरी से भी खुद को अलग कर लिया है. वे टेरी में महानिदेशक के तौर पर कार्यरत थे. हालांकि उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज किया है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए वकील संजीव भंडारी ने पचौरी की याचिका का विरोध किया और कहा कि वे पचौरी की जमानत खारिज करने को लेकर भी एक याचिका दाखिल करने पर विचार कर रहे हैं.
पुलिस ने कहा कि जांच महत्वपूर्ण चरण में है और पचौरी की विदेश यात्रा से यह प्रभावित हो सकती है.
- इनपुट IANS