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रायपुर के सबसे महंगे इलाके में सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने का हाईकोर्ट ने दिया निर्देश

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रायपुर के शंकर नगर इलाके में 37 एकड़ जमीन कब्जाधारियों से वापस लेने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं. कोर्ट ने मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल के परिवार समेत अन्य कब्जाधारियों से छह माह के भीतर यह सरकारी जमीन खाली करने के लिए कहा है.

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रायपुर
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रायपुर के शंकर नगर इलाके में 37 एकड़ जमीन कब्जाधारियों से वापस लेने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं. कोर्ट ने मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल के परिवार समेत अन्य कब्जाधारियों से छह माह के भीतर यह सरकारी जमीन खाली करने के लिए कहा है.

एक स्थानीय निवासी खैरूनिशा फरिश्ता ने अपने अधिवक्ता के जरिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. इस याचिका में शंकर नगर के खसरा नबर 570 और 571 के जमीन पर बेजा लोगों के द्वारा कब्ज़ा किये जाने की शिकायत की गई थी. मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद ही वैधानिक दस्तावेजों और उसमे निहित तथ्यों के आधार पर अदालत में सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा पाया. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने जमीन के जांच के आदेश देने के साथ ही स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश प्रशासन को दिए थे. प्रशासन के द्वारा अदालत में रिपोर्ट पेश की गई थी.

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सब डिविजनल मजिस्ट्रेट द्वारा दी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि कुछ निजी लोगों को यह जमीन संयुक्त मध्य प्रदेश के दौरान प्रशासन ने एलॉट की थी. एलॉट की गई इस सरकारी जमीन के एक हिस्से में पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत श्यामाचरण शुक्ल भी शामिल थे. उन्हें एलॉट की गयी जमीन का कोई उल्लेख सरकारी दस्तावेजों में दर्ज नहीं है. रिपोर्ट में यह जानकारी भी दी गई है कि पूर्व में यहां बड़े और छोटे झाड़ियों का जंगल था.

मामले की सुनवाई के उपरांत हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस व जस्टिस शरद गुप्ता ने यह फैसला दिया है कि अब इस जमीन को सरकार वापस ले ले. अदालत ने जमीन आवंटन की प्रक्रिया को गलत पाया. यही नहीं, आवंटन प्रक्रिया के दौरान कई क़ानूनी औपचारिकताएं भी पूरी नहीं पाई गईं. लिहाजा कोर्ट ने 6 महीने के भीतर इस जमीन को वापस लेने का निर्देश दिया है्.

 

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