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तिहाड़ जेल की अर्जी पर क्रिश्चियन मिशेल और CBI को हाईकोर्ट का नोटिस

दिल्ली हाई कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में तिहाड़ जेल की याचिका पर सीबीआई के साथ साथ बिचौलिये क्रिश्चियन मिचेल को नोटिस जारी किया है. दरअसल तिहाड़ जेल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जिसमें कहा गया है कि हाल ही में पटियाला हाउस कोर्ट ने मिशेल को 15 मिनट फोन कॉल करने की इजाजत दी थी. जबकि जेल मैनुअल के हिसाब से किसी भी कैदी को 10 मिनट से ज्यादा बातचीत की इजाजत नहीं है.

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दिल्ली हाईकोर्ट (फोटो-आजतक)
दिल्ली हाईकोर्ट (फोटो-आजतक)

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दिल्ली हाई कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में तिहाड़ जेल की याचिका पर सीबीआई के साथ साथ बिचौलिये क्रिश्चियन मिचेल को नोटिस जारी किया है. दरअसल तिहाड़ जेल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जिसमें कहा गया है कि हाल ही में पटियाला हाउस कोर्ट ने मिशेल को 15 मिनट फोन कॉल करने की इजाजत दी थी. जबकि जेल मैनुअल के हिसाब से किसी भी कैदी को 10 मिनट से ज्यादा बातचीत की इजाजत नहीं है.

तिहाड़ जेल ने हाई कोर्ट में लगाई अपनी याचिका में निचली अदालत के इसी फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि जेल प्रशासन द्वारा बनाए गए जेल मैनुअल के खिलाफ है और अगर क्रिश्चियन मिशेल 10 मिनट से ऊपर बात कर रहे हैं तो यह बाकी के और विचाराधीन कैदियों के साथ नाइंसाफी होगी. क्योंकि जेल में सभी कैदी बराबर है. जेल प्रशासन द्वारा लगाई गई याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि क्रिश्चियन मिशेल इस सुविधा का दुरुपयोग भी कर रहे हैं.

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अब 22 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में सीबीआई और क्रिश्चियन मिशेल दोनों को कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करना है. दिल्ली हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि 22 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में क्रिश्चियन मिशेल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश किया जाए. इससे पहले क्रिश्चियन मिशेल जमानत अर्जी के साथ-साथ कई और भी कई अर्जी पटियाला हाउस कोर्ट में लगा चुका हैं. उन्होंने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उनको जानबूझकर जेल के अंदर परेशान किया जा रहा है.

क्रिश्चियन मिशेल ने हाल ही में एक अर्जी लगाई है कि उनको आतंकवादियों के साथ रखा जा रहा है. मिशेल का सवाल है कि उनको उन हार्डकोर क्रिमिनल के साथ क्यों रखा जा रहा है जिन पर हत्या जैसे संगीन आरोप है. उससे पहले मिशेल ने अर्जी लगाई थी कि उनको एकांत कारावास में बंद कर दिया गया है जहां वह किसी से भी बात नहीं कर सकते.

हालांकि तिहाड़ प्रशासन मैं कोर्ट को अपनी सफाई में कहा कि ऐसा क्रिश्चियन मिशेल की सुरक्षा को देखते हुए किया गया था क्योंकि हाल ही में हुए पुलवामा हमले के बाद आशंका थी कि मिशेल की जान को खतरा हो सकता है.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था जिसमें कोर्ट ने तिहाड़ प्रशासन को क्रिश्चियन मिशेल को सामान्य सेल में रखने के निर्देश दिए थें. क्योंकि कुछ वक्त पहले तिहाड़ प्रशासन ने क्रिश्चियन मिशेल को एकांत कारावास में डाल दिया था. मिशेल का आरोप था कि वो अभी विचाराधीन कैदी है और उसके मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही है. लिहाजा उसे इस तरह एकांत जेल में बंद करके नहीं रखा जा सकता.

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