दिल्ली हाई कोर्ट ने पाकिस्तानी महिला को बड़ी राहत देते केंद्र सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें उसे देश छोड़ने के लिए कहा गया था. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि 25 मार्च तक इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया जाए. ये निर्देश हाइकोर्ट की डबल बेंच ने महिला के पति की याचिका पर दिया है.
25 मार्च को इस मामले में कोर्ट ने दोबारा सुनवाई की तारीख दी है और केंद्र सरकार को सुनवाई से पहले उस गोपनीय रिपोर्ट को कोर्ट में दाखिल करने को कहा है जिसके आधार पर महिला को देश छोड़ने का आदेश दिया गया है. सरकार की तरफ से कोर्ट में अभी तक यह साफ नहीं किया गया है ,कि किस वजह से महिला को देश छोड़कर दोबारा पाकिस्तान जाने के लिए गृह मंत्रालय की तरफ से नोटिस दिया गया था.
हालांकि 25 मार्च तक मिली राहत के बावजूद कोर्ट ने महिला को अपने किसी नजदीकी पुलिस थाने में रोजाना हाजिरी दर्ज कराने के भी आदेश दिए है. हालांकि कोर्ट ने हिदायत दी है कि किसी भी पुलिस थाने में महिला को एक घंटे से ज्यादा नहीं रोका जा सकता है.
37 वर्षीय पाकिस्तानी महिला ने हाल ही में दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें आठ फरवरी के गृह मंत्रालय की तरफ से 15 दिन के अंदर देश छोड़ने के जारी किए गए आदेश को कोर्ट में चुनौती दी गयी है. नोटिस में महिला को 23 फरवरी तक देश छोड़ने का आदेश दिया गया था और कहा गया था कि अगर वह ऐसा नहीं करती तो मंत्रालय उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा.
महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने उसे भारत छोड़ने का आदेश दिया था. 28 फरवरी को अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा था कि महिला और उसके परिवार ने भारत की नागरिकता के लिए कुछ नहीं किया इसलिए दो सप्ताह के अंदर देश छोड़ना होगा. मंत्रालय के नोटिस के खिलाफ महिला और उसके पति ने याचिका दायर कर केंद्र सरकार के नोटिस को रद करने गुहार लगाई थी.