सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि कंडोम को बोल्ड सीन वाले विज्ञापन के माध्यम से नहीं बेचा जा सकता.
मुख्य न्यायाधीश के. जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में केंद्र व तमिलनाडु सरकार, भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई), केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड और कंडोम बनाने वाली कंपनियों को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने कहा था कि कंपनियां कंडोम के रेपर या विज्ञापन में खुलेपन वाले दृश्यों का प्रयोग नहीं कर सकती हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश पर भी रोक लगा दी, जिसमें कंडोम बनाने वाली कंपनियों को उत्पाद के प्रचार-प्रसार से पूर्व भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) से अनुमति लेने को कहा गया था. एएससीआई विज्ञापन-उद्योग का स्व-नियामक स्वैच्छिक संगठन है.