पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह के घर में शनिवार को एक संदिग्ध व्यक्ति घुसने की कोशिश कर रहा था. हालांकि जब वीके सिंह के पर्सनल स्टॉफ ने उससे सवाल किया, तो उसका वह जवाब नहीं दे पाया. इसके बाद उसे घर पर ही रोक लिया गया.
जनरल वीके सिंह के घर शनिवार को उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया, जब एक मेजर को वीके सिंह के घर में संदिग्ध हरकतें करते हुए पकड़ा गया. ये मेजर सिगनल्स यूनिट का है और वीके सिंह के घर में बने आर्मी टेलीफोन एक्सचेंज से छेड़छाड़ कर रहा था.
पकड़ा गया शख्स सेना के सिगनल्स का मेजर है और उसका नाम है मेजर आर विक्रम. मीडिया ने एड़ी-चोटी का जोर लगा लिया, लेकिन मेजर साहब की जुबान को काठ मार गया. यहां-वहां दौड़ते रहे. मीडिया आगे-पीछे करता रहा, लेकिन टस से मस न हुए. भागीरथ प्रयत्न के बाद सिर्फ इतना बोले कि कुछ नहीं बोलना है. सेना का पीआऱओ जवाब देगा.
लेकिन पूर्व जनरल के निजी वकील के पास बोलने और शक जाहिर करने के लिए बहुत कुछ था. उन्होंने कहा कि आर विक्रम सेना की वर्दी में सीधे पूर्व जनरल के टेलीफोन एक्सचेंज में घुसे और फोन लाइन से छेड़छाड़ करने लगे. पूर्व जनरल के वकील का कहना है कि ये कोई मामूली घटना नहीं है. इसके पीछे कोई बड़ी ताकत, बड़ी साजिश हो सकती है.
बहरहाल खबर आग की तरह फैली. मिलिट्री पुलिस से लेकर दिल्ली पुलिस तक आ पहुंची. सेना मेजर से पूछताछ कर रही है. खबर यह भी है कि पूरा मामला गलतफहमी का है. मेजर को पूर्व जनरल के घर से आर्मी एक्सचेंज फोन सिस्टम हटाने के इरादे से भेजा गया था. लेकिन सवाल यह है कि मेजर के पास इस काम को अंजाम देने के लिए कोई आधिकारिक दस्तावेज क्यों नहीं था?
मामले में कई अन्य गंभीर सवाल उठते हैं:
-मेजर आर विक्रम किस इरादे से पूर्व जनरल के घर आए?
-क्या मेजर बग प्लांट करने के इरादे से आए थे?
-मेजर ने घऱ के टेलिफोन एक्सचेंज से छेड़छाड़ क्यों की?
-क्या सेना ने आर्मी एक्सचेंज हटाने के इरादे से मेजर को भेजा था?
-मेजर के पास कोई आधिकारिक दस्तावेज क्यों नहीं था?
-अगर इरादे नेक थे तो मेजर ने सवालों के जवाब क्यों नहीं दिए? सवाल इसलिए भी गंभीर हैं कि यह पूरा वाकया पूर्व जनरल की गैर मौजूदगी में हुआ.