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भीमा कोरेगांव मामला: सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को फौरी राहत

एक जनवरी को पुणे के नजदीक भीमा-कोरेगांव युद्ध के 200 साल पूरा होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दो समूहों के बीच संघर्ष में एक युवक की मौत हो गई थी और चार लोग घायल हुए थे. इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद इसकी आंच महाराष्ट्र के 18 जिलों तक फैल गई थी.

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सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा और सुधा भारद्वाज
सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा और सुधा भारद्वाज

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भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में फरीदाबाद से गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज के ट्रांजिट रिमांड पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने तीन दिन का स्टे लगा दिया है. इससे पहले भारद्वाज की तरफ से की गई ट्रांजिट बेल की अपील फरीदाबाद के मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज कर दी थी. जिसके बाद हाईकोर्ट से उन्हें तीन दिन की राहत मिली है. इस दौरान सुधा भारद्वाज तीन दिनों तक हाउस अरेस्ट में रहेंगी.

वहीं इसी मामले में पुणे पुलिस द्वारा गिरफ्तार दलित एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिली, लेकिन यह राहत सिर्फ एक दिन के लिए है. हाईकोर्ट बुधवार सुबह फिर नवलखा की याचिका पर सुनवाई करेगा. हाईकोर्ट ने साकेत कोर्ट की ओर से पुणे पुलिस को दी गई ट्रांजिट रिमांड पर एक दिन का स्टे लगा दिया. पुणे पुलिस ने नवलखा को गिरफ्तार करके साकेत कोर्ट में पेश किया था. जिस पर कोर्ट ने 48 घंटे के ट्रांजिट रिमांड पर आरोपी नवलखा को भेज दिया था.

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गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में देश के कई हिस्सों में मंगलवार को पुणे पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने कई एक्टिविस्ट और माओवादी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की. ये छापेमारी महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, दिल्ली और झारखंड में की गई. पुणे पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की.

इस मामले में पुणे पुलिस की ओर से अब तक कुल 5 गिरफ्तारियां की गई हैं. दिल्ली, हरियाणा और हैदराबाद से 1-1 गिरफ्तारी की गई, जबकि मुंबई से 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया. समाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरिया और वरनोन गोंजालवेस गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल हैं.

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