सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे कि 500 मीटर की परिधि में चल रही शराब की दूकानों को बंद किया जाए. मगर क्या वाकई दूकानें बंद हुई है? आज तक की टीम यह जानने निकली कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कितना पालन हो रहा है?
इसका रियलिटी चेक करने हमारी टीम पहुंची, नेशनल हाईवे 24 पर. दिल्ली से लखनऊ का सफर तय करने के लिए मुसाफिर एनएच 24 पर ही सफर करते हैं. रोजाना इस हाईवे पर कई दुर्घटनाएं होती हैं.
ज्यादातर दुर्घटना शराब पिकर वाहन चलाने के कारण होती है. सबसे पहले हम पहुंचे, गाजियाबाद से गुजरने वाले हाईवे पर. ये दूकान हाईवे से 500 मीटर तो क्या बल्कि 100 मीटर से भी कम दूरी पर है.
यहां पर शराब की दूकान रातोरात बंद कर दी गई है. यहीं नहीं इसके बाद हमारी टीम ने एनएच 24 पर और आगे तक सफर किया. शराब दूकान में काम करने वाले कर्मचारी यहां पर दूकान बंद कर रहें थे, दूकान पर काला पेंट भी करते नजर आए. लोगों का कहना था कि शराब दूकान बंद होने से हम बहुत खुश हैं. वहीं कई लोग को इस बात कि भी चिंता है कि इस दूकान में काम करने वाले लोग अब कहां काम करेंगे? सरकार को उनके लिए भी कुछ करना चाहीए. एक महिला का कहना था कि कि ये गलत भी हुआ है, अब ये लोग कहां जाएंगे? महिला इस कार्यवाई के लिए योगी सरकार को इसका जिम्मेदार मान रही थी.
इसके बाद हमारी टीम एनएच 24 के उस रास्ते पर पहुंची जहां पर शहरी आबादी कम है. जहां रोजाना ही लोग शराब पीने के लिये रुका करते थे. एक तरह से ये शराबियों का अड्डा बन गया था. मगर अब यहां भी ताले लगे हुए हैं.
यहां पर ट्रांसपोर्ट की दूकान के पास शराब दूकान थी जो अब बंद है. ट्रांसपोर्ट दूकान वाले का कहना है कि इससे हम काफी खुश है, यहां रोजाना ही लड़ाई-झगडा होता था. हमने कई बार पुलिस से भी शिकायत कि थी मगर कोई नतीजा नहीं निकलता था. अब ये दूकानें सुप्रीम कोर्ट ने बंद करवा दी है, कोर्ट का धन्यवाद.
यह आदेश भले ही सुप्रीम कोर्ट का हो मगर लोग इसे यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से जो़ड़कर देख रहें हैं.