राधे मां के बारे में हिमाचल प्रदेश के एक महंत ने सनसनीखेज दावे किए हैं. खुद को राधे मां का 'गुरु भाई' बताने वाले महंत श्याम सुंदर दास की मानें तो राधे मां का असली नाम बबू देवा है. उन्होंने राधे मां पर उनके गुरु को मौत के गर्त में धकेलने का आरोप भी लगाया है.
महंत श्याम सुंदर दास कांगड़ा-चंबा जिले की सीमा पर हटली के श्रीराम मंदिर में महंत हैं. उन्होंने दावा किया कि राधे मां उर्फ बबू देवा उनके गुरु महंत रामाधीन दास परमहंस के मुकेरियां स्थित आश्रम में अर्धविक्षिप्त हालत में आई थीं. उस वक्त उनकी मानसिक दशा ठीक नहीं थी.
पहले मानसिक रूप से ठीक नहीं थीं राधे मां?
उन्होंने दावा किया, 'गुरु जी ने न केवल उसे आश्रम में आश्रय ही दिया बल्कि उसका उपचार भी किया. लेकिन उनकी यही
शिष्या बबू देवा गुरु जी की मौत का कारण भी रहीं. गुरू जी को यही शिष्या ऑस्ट्रेलिया लेकर गई थीं और जब वे दोनों वापस
आए तो गुरु जी काफी कमजोर हो चुके थे.' उन्होंने बबू देवा उर्फ राधे मां पर गुरु महंत का इलाज करवाने के नाम पर डॉक्टरों
की मिलीभगत से उनकी हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया.
संपत्ति की भूखी है राधे मां: महंत
उन्होंने कहा कि राधे मां न केवल आश्रम की मुखिया बनने का सपना मन में पाले हुए है बल्कि आश्रम की संपत्ति को भी
हड़पना चाहती है. राधे मां की कथित दैवीय शक्तियों के बारे में पूछने पर महंत श्याम सुंदर दास ने कहा, 'गुरु जी ने उसे
कुछ शक्तियां प्रदान की थीं लेकिन जब उन्हें पता चला कि वह आश्रम की संपत्ति हड़पना चाहती है तो उन्होंने सभी शक्तियां
वापस ले ली थीं और अब वह सिर्फ शक्तियां होने का ढोंग कर रही है.'
महंत श्यामसुंदर दास ने दावा किया कि राधे मां शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं. उन्होंने कहा कि वह हटली के इसी श्रीराम मंदिर में भी कुछ दिन गुजार चुकी है. उनका दावा है कि राधे मां ने देश के कई शहरों में संपत्ति जमा कर ली है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बबू देवा से जान का खतरा है. उन्होंने सरकार व प्रशासन से अपने लिए सुरक्षा की मांग की है. उन्होंने कहा, 'अगर वह राधे है तो मैं श्याम हूं. उसकी असलियत को जगजाहिर करके ही रहूंगा.'