उत्तर भारतीयों के खिलाफ भड़काऊ भाषण नहीं देने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश के एक दिन बाद मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे मंगलवार को हिंदी पर बोले और कहा कि लोगों पर यह भाषा थोपी नहीं जानी चाहिए.
उन्होंने अपनी पार्टी के चौथे स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘मैं हिंदी के विरोध में नहीं हूं लेकिन हम पर हिंदी नहीं थोपी जाए.’ उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राज ठाकरे से कहा था कि उत्तर भारतीयों पर निशाना साधते हुए भड़काऊ भाषण नहीं दें, जिसके कारण देश के अनेक हिस्सों में उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किये जा रहे हैं.
राज ने कहा कि मुंबई में प्रवासियों के आने के कारण जल संकट और बढ़ेगा. मनसे अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि सुनिश्चित करें कि रेलवे स्टेशनों और हवाईअड्डों पर सभी घोषणाएं मराठी में की जाएं. मनसे को महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में बताते हुए राज ने विधेयक का विरोध कर रहे लालू प्रसाद और मुलायम सिंह यादव के बारे में कहा कि उनका विरोध उनकी संस्कृति को दर्शाता है.