केरल ही एक मस्जिद ने सामाजिक सौहार्द की नई मिसाल पेश की है, जहां हिन्दू रीति-रिवाजों से जोड़े की शादी कराई गई. एकता के लिए नजीर बनी यह घटना अलप्पुझा जिले के कयामकुलम की है जहां अंजू की मां अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे जुटाने में असमर्थ थी तो मस्जिद कमेटी ने आगे आते हुए उसकी शादी कराने का फैसला लिया.
मस्जिद ने दिया दो लाख का तोहफा
दरअसल, अंजू और शरत एक-दूसरे से शादी करना चाहते थे लेकिन अंजू के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. ऐसे में अंजू की मां ने स्थानीय चेरुवल्ली जमात कमेटी से संपर्क कर उनकी मदद मांगी जिसपर मस्जिद कमेटी तुरंत तैयार हो गई. रविवार को मस्जिद परिसर में बाकायदा सात फेरे लेते हुए दूल्हा-दुल्हन शादी के बंधन में बंध गए.
Kerala: A Hindu couple tied knot at Cheruvally Muslim Jamaat mosque in Alappuzha's Kayamkulam, today. After the girl's mother was unable to raise money for the wedding, the mosque committee decided to help her and the marriage was performed as per Hindu rituals. pic.twitter.com/Fnzb7eBQUf
— ANI (@ANI) January 19, 2020
सीएम ने बताया एकता की मिसाल
शादी पूरी तरह से हिन्दू मान्यताओं के अनुसार ही की गई और मंत्रोच्चारण के साथ दंपति पवित्र रिश्ते में बंध गए. मस्जिद कमेटी की ओर से इस मौके पर करीब एक हजार लोगों की दावत का आयोजन भी किया गया जिसमें शाकाहारी भोजन परोसा गया. यही नहीं मस्जिद कमेटी की ओर से दुल्हन को शादी के तोहफे के तौर पर दस गोल्ड गिफ्ट और दो लाख रुपये नकद भी दिए गए हैं.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शादी की फोटो ट्विटर पर शेयर करते हुए नवदंपति को बधाई दी. उन्होंने लिखा, 'केरल से एकता का एक उदाहरण, चेरुवल्ली जमात कमेटी ने हिन्दू रिवाजों से आशा और शरत की शादी कराई है. मां की अपील के बाद मस्जिद उनकी बेटी की शादी के लिए आगे आई, नवदंपति, परिवार, मस्जिद कमेटी और चेरुवल्ली के लोगों को बधाई.'
An example of unity from Kerala.
The Cheravally Muslim Jamat Mosque hosted a Hindu wedding of Asha & Sharath. The Mosque came to their help after Asha's mother sought help from them.
Congratulations to the newlyweds, families, Mosque authorities & the people of Cheravally. pic.twitter.com/nTX7QuBl2a
— Pinarayi Vijayan (@vijayanpinarayi) January 19, 2020
देश के कई हिस्सों से धार्मिक भेदभाव और हिंसा की घटनाओं के बीच मस्जिद में हिन्दू रीति-रितावों से आयोजित की गई यह शादी समाज के लिए एक मिसाल है. साथ ही ऐसे और कदम समाज को जोड़ने और भाईचारे को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं.