प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापानी ट्वीट जबर्दस्त हिट हुए और उनकी देश-विदेश में चर्चा रही. लेकिन सवाल यह उठा कि क्या पीएम मोदी जापानी सीख गए हैं या किसी और ने उनके नाम से ये ट्वीट किए. अब आर्थिक पत्र 'द इकोनॉमिक टाइम्स' ने लिखा है कि इनके पीछे हिरेन जोशी हैं जो पीएम मोदी के ब्लॉग, ट्विटर, वेबसाइट और फेसबुक के अकाउंट देखते हैं.
44 वर्षीय जोशी ने जापान में भारतीय दूतावास की मदद से आठ ट्वीट जापानी में करवाए. पीएमओ ने यहां से ये ट्वीट अंग्रेजी में लिखकर जापान स्थित भारतीय दूतावास भेजा. उनसे कहा गया कि पीएम मोदी उन्हें जापानी पीएम शिंजो आबे को भेजना चाहते हैं और इसलिए उनका जापानी भाषा में अनुवाद किया जाए. दूतावास ने जापानी अनुवाद यहां भेजा जिसे विदेश मंत्रालय के एक दुभाषिये ने जांचा. उसके बाद उसे एक अन्य सॉफ्टवेयर की मदद से फिर से जांचा गया और तब जाकर उसे ट्विटर पर पोस्ट किया गया. ये ट्वीट मोदी के व्यक्तिगत अकाउंट से भेजे गए न कि पीएमओ की तरफ से. जोशी की देखरेख में यह सारा काम हुआ.
जोशी इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हैं और उन्होंने पीएचडी भी कर रखी है. इसके पहले वे भीलवाड़ा के इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर भी रहे और उन्हें पढ़ाने का 18 साल का अनुभव है. एक बार जब वह इंजीनियरों की एक कॉन्फ्रेंस में गुजरात गए थे तो वहां उनकी मुलाकात सीएम मोदी से हुई जिन्होंने उन्हें अपना ओएसडी बना लिया. वह अन्य कामों के अलावा मोदी के ट्वीट देखने का काम करते रहे.
मोदी के ट्विटर अकाउंट हिन्दी, इंग्लिश के अलावा उर्दू, कन्नड़, मराठी, मलयालम, तमिल और बांग्ला में हैं. इन सभी की देखभाल जोशी के जिम्मे ही है. वह हर दिन साढ़े ग्यारह बजे पीएम मोदी को ऑनलाइन की रिपोर्ट देते हैं. इनके अलावा वह पीएम मोदी को भेजे गए हजारों संदेशों में से 100 चुनकर देते हैं.