सलमान खान हिट एंड रन मामले में नया ट्विस्ट आ गया है. सरकारी पक्ष का कहना है कि 2002 में सलमान खान के पास गाड़ी चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस के पास इस बात के पक्के सुबूत हैं कि बॉलीवुड एक्टर ने 2006 में लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था.
खबरों के मुताबिक, पुलिस चाहती है कि आरटीओ अधिकारी को इस बाबत कोर्ट में गवाही के लिए बुलाया जाए. सरकारी पक्ष ने मुंबई की निचली अदालत में तीन नए गवाहों को लाने की मांग की है. इनमें एक वह मजिस्ट्रेट हैं, जिन्होंने सलमान के बॉडीगार्ड और 2002 में एक्सीडेंट में घायल लोगों का इकबालिया बयान दर्ज किया था. दूसरे गवाह के तौर पर बांद्रा पुलिस स्टेशन में उस वक्त तैनात कांस्टेबल का नाम है, जो सलमान के खून का सैंपल जांच के लिए कलीना फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी ले गए थे. जबकि तीसरे गवाह के रूप में अंधेरी आरटीओ के लाइसेंसिंग विभाग के उस अधिकारी को बुलाने की मांग की गई है, जो रिकॉर्ड देखकर यह बता सके कि सलमान खान ने लाइसेंस के लिए कब अर्जी लगाई थी.
कोर्ट ने सरकारी वकील प्रदीप घरात की इस अर्जी पर 31 जनवरी को विचार करने का फैसला किया है. कोर्ट मामले में फिलहाल उस डॉक्टर की गवाही सुन रहा है, जिसने हादसे के 12 घंटे बाद सलमान खान की मेडिकल जांच की थी. सलमान खान के वकील ने साढ़े चार घंटे की जिरह के दौरान जेजे अस्पताल के डॉक्टर से पूछताछ कर ये साबित करने की कोशिश की कि उस वक्त खून निकालने की सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था.
पुलिस के रिकॉर्ड में घटना के बाद सलमान की डॉक्टरी जांच 2:25 बजे हुई थी, जबकि डॉक्टर ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने तीन बजे सलमान का खून निकाला था. अदालत जल्द ही दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू करवाने की बात कह रही है. अदालत ने सभी गवाहों के बयान 18 फरवरी तक पूरे कर लेने की बात कही है. गवाहों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया 12 फरवरी से शुरू की जाएगी.