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हिट एंड रन केस: अब शुरू हुई कल की टेंशन...कहां कटेगी सलमान खान की शु्क्रवार की रात?

हिट एंड रन मामले में बुधवार को मुंबई की सेशन अदालत ने सलमान खान को गैर इरादतन हत्या समेत सभी आरोपों में दोषी करार दिया.

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बॉम्बे हाई कोर्ट की इमारत
बॉम्बे हाई कोर्ट की इमारत

हिट एंड रन मामले में बुधवार को मुंबई की सेशन अदालत ने सलमान खान को गैर इरादतन हत्या समेत सभी आरोपों में दोषी करार दिया. कोर्ट ने सलमान को 5 साल कैद की सजा भी सुनाई, लेकिन फैसले के 4 घंटे बाद ही सलमान को हाई कोर्ट से दो दिनों की अंतरिम जमानत मिल गई. शुक्रवार को हाई कोर्ट में बेल का मामला अब आगे बढ़ेगा.

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शुक्रवार 8 मई को सलमान के वकीलों की फौज उन्हें रेगुलर बेल दिलवाने के लिए माथापच्ची करेगी. लेकिन सलमान को बेल का रास्ता जितना सरल दिखता है, उससे कहीं अधि‍क पेचीदा भी है. बहुत संभव है कि बॉम्बे हाई कोर्ट 8 मई को सलमान के जमानत की अर्जी स्वीकार कर ले और उन्हें रेगुलर बेल दे दे. हालांकि, अगर मुंबई सेशन कोर्ट से शुक्रवार को ऑर्डर की कॉपी मिल जाती है तो हाई कोर्ट अर्जी खारिज कर सकती है.

क्या होगा अगर खारिज होगी अर्जी
हाई कोर्ट से अर्जी खारिज होने की स्थि‍ति में सलमान के वकील सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. आम तौर पर सेशन कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए जाने पर हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी स्वीकार कर ली जाती है, लेकिन इसके लिए सलमान के वकीलों को हाई कोर्ट में यह साबित करना होगा कि सेशन कोर्ट ने फैसला देने के क्रम में सबूतों पर ठीक से गौर नहीं किया.

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विरोध की तैयारी में अभि‍योजक
सलमान के बचाव पक्ष से इतर बुधवार की तरह शुक्रवार को भी अभि‍योजक पक्ष जमानत के विरोध की तैयारी में है. हाई कोर्ट में अभि‍योजक पक्ष के वकील संदीप श‍िंदे इस ऑर्डर की कॉपी मिलने के स्थि‍त‍ि में इस ओर हाई कोर्ट में सलमान के लिए मुश्कि‍लें खड़ी कर सकते हैं. बुधवार को सलमान को ऑर्डर कॉपी नहीं मिलने के कारण ही अंतरिम जमानत मिली है, लिहाजा कॉपी मिलने के बाद श‍िंदे मजबूती के साथ अपना पक्ष रखेंगे.

गैर इरादतन हत्या का पेच
सेशन कोर्ट ने सलमान को गैर इरादतन हत्या का भी दोषी माना है. जमानत के मसले पर यहां पेच फंस सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो शराब पीकर गाड़ी चलाने और फिर दुर्घटना में किसी की जान जाने के मामले में सलमान केस आगे उदाहरण बनेगा और यही इस केस में जमानत का मसला फंस सकता है. अभि‍योजक यह साबित करने की कोशि‍श करेंगे कि अगर सलमान को जमानत मिलती है कि तो भविष्य में ऐसे मामले में दोषी या आरोपी के लिए जमानत लेना आसान हो जाएगा.

कानूनी जानकारों की मानें तो आईपीसी की धारा 300 के चौथे खंड में जहां हत्या को परिभाषि‍त किया गया है, उसके आधार पर सलमान का मामला हत्या का भी बन सकता है. क्योंकि इसके तहत इरादा या इंटेंशन कोई घटक नहीं है.

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नंदा के केस का हवाला
बुधवार को मुंबई सेशन कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संजीव नंदा और एलिस्टर परेरा केस का जिक्र किया था. तब सलमान के वकील श्रीकांत शि‍वड़े ने तर्क दिया था कि संजीव नंदा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कैद की सजा को कम करते हुए दो साल कर दिया था और कम्युनिटी सर्विस करने के आदेश दिए थे. एलिस्टर परेरा मामले में भी तीन साल कैद की सजा ही सुनाई गई थी, जबकि परेरा की गाड़ी से शराब की बोतल भी बरामद की गई थी. सलमान के वकील शुक्रवार को हाई कोर्ट में एक बार फिर इस तर्क को आगे रख सकते हैं.

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