महंगाई पर काबू पाने के लिए मोदी सरकार की जद्दोजहद जारी है. शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और खाद्य आपूर्ति मंत्री ने राज्यों के खाद्य मंत्रियों के साथ बैठक की. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने महंगाई के लिए जमाखोरों को जिम्मेदार ठहराया. जेटली ने कहा है कि हर साल जुलाई-दिसंबर के दौरान जमाखोरी के कारण कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ती हैं.
उन्होंने कहा कि जमाखोरों पर राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई करें. कम बारिश की खबर के चलते कालाबाजारी बढ़ी है. अभी मानसून के बारे में कुछ कहना बहुत जल्दबाजी है. इस बारे में डर फैलाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि इराक संकट के चलते तेल के दाम बढ़े हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि प्याज की कीमत पिछले साल से कम है इसलिए अफरा-तफरी जैसी स्थिति नहीं है. जमाखोर सामान्य से कम बारिश के अनुमान का फायदा उठा रहे हैं. राज्य सरकारों को कीमत पर नियंत्रण के लिए जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. केंद्र उन्हें पूरा समर्थन देगा.
खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने भी महंगाई के लिए जमाखोरों को जिम्मेदार ठहराया है. पासवान ने कहा कि जमाखोर देशद्रोह का काम कर रहे हैं. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. इस बाबत राज्यों सरकारों को समय पर कार्रवाई करनी होगी. अफसोस की बात है कि हमारे देश में मिलावट आम बात हो गई है.
पासवान ने कहा कि लोग कहते हैं कि महंगाई के मामले में केंद्र सरकार कमजोर हो गई है, कुछ नहीं कर पा रही है. लेकिन ये संघीय ढांचा है. सरकार यूपीए की हो या एनडीए की, कोई सरकार कमजोर नहीं होती. ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है.
25 राज्यों के मंत्रियों से बैठक के बाद पासवान ने कहा कि केंद्र का छह महीने का एक्शन प्लान तैयार है. 635 जिलों में भंडारण की व्यवस्था की गई है. प्रोडक्शन के अनुपात में सप्लाई नहीं हो रही है, इससे जमाखोरी को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु कानून को सख्त बनाया जाएगा. जमाखोरों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत कार्रवाई होगी.