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शौक और चाहत ने बनवा दिया घर की छत पर हवाई जहाज

हवाई जहाज में उड़ने और उसमें रहने के सपने को साकार करते हुए जालंधर जिले के एक गांव में एक प्रवासी भारतीय ने अपने घर की छत पर हवाईजहाजनुमा कमरे बनवा दिये और उस पर एयर इंडिया भी लिखवा दिया है.

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हवाई जहाज में उड़ने और उसमें रहने के सपने को साकार करते हुए जालंधर जिले के एक गांव में एक प्रवासी भारतीय ने अपने घर की छत पर हवाईजहाजनुमा कमरे बनवा दिये और उस पर एयर इंडिया भी लिखवा दिया है. इस संबंध में उसके पास अधिकारियों के फोन भी आ चुके हैं कि इससे मुफ्त में एयर इंडिया का प्रचार हो रहा है.

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जालंधर जिले के नूरमहल तहसील के उप्पला गांव निवासी संतोख सिंह ने अपने घर के उपर यह हवाई जहाज बनवाया है. उप्पला निवासी सतनाम सिंह के अनुसार इस हवाई जहाज के कारण गांव का नाम जहाज वाला गांव पड़ चुका है. यह जहाज तकरीबन दो किलोमीटर की दूरी से दिखाई पड़ने लगता है और आजकल लोगों के आकषर्ण का केंद्र बना हुआ है.

संतोख सिंह इंग्लैंड में रहते हैं उनका होटल का व्यवसाय है. प्रवासी भारतीय संतोष सिंह ने बताया, ‘मुंबई के जुहू में एक पार्क में पहली बार मैने जहाज को देखा था जो बच्चों के खेलने के लिए बनाया गया है.’ इसके बाद जब हवाई जहाज में यात्रा करने का मौका मिला तो मैने सोच लिया था कि ऐसा ही एक घर बनाउंगा और यह उसी का परिणाम है. यह पूछे जाने पर कि मकान पर एयर इंडिया लिखा हुआ है तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं हुई, सिंह ने हंसते हुए कहा, ‘कई लोगों के मेरे पास फोन आये और उन्होंने कहा कि आपने मुफ्त में एयर इंडिया का विज्ञापन कर दिया है.’

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जहाज के अंदर के हिस्से को दिखाते हुए सिंह ने कहा कि इसमें दो बेडरूम हैं. एक विमान के अगले हिस्से में है जबकि दूसरा पिछले हिस्से में है. दोनों कमरों के साथ साथ बाथरूम भी बना हुआ है. इसके साथ ही इसमें बैठने के लिए भी स्थान बनाया गया है. इस हवाई जहाज की खसियत यह है कि इसमे मकान की छत पर से भी जाने की सुविधा है और घर के अंदर से भी उपर जाने की व्यवस्था है. कमरों और बैठकों की खिड़कियां भी जहाज की खिडकियों के अंदाज में गोल बनाया गया है.

उन्होंने कहा कि इस जहाज की लंबाई 84 से 85 फुट है जो मकान की छत पर बनाया गया है. सिंह का मकान भी दो तीन कैनाल में बना है जिसमें 32 कमरे हैं. संतोख सिंह कहते हैं, ‘दो बेटे हैं. दोनों बाहर रहते हैं. पत्नी मेरे साथ इंग्लैंड में रहती है. बारी बारी से हम सभी यहां आते रहते हैं. पूरा परिवार भी कभी कभी एक साथ यहां एकत्र हो पाता है. वैसे हम दो तीन महीनों में एक चक्कर लगा ही लेते हैं.’

उन्होंने कहा कि 1999 में इस मकान को बनाने में तब तकरीबन बीस लाख का खर्च आया था. इसके बाद इस पर हवाई जहाज का निर्माण किया गया है. केवल संतोख सिंह ही नहीं बल्कि जालंधर जिले में अनेक मकानों पर पानी की टंकी कहीं हवाई जहाज, कहीं फुटबॉल तो कहीं चील और घोडे के आकार में दिखाई पड़ जाती है.

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