नेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन ऑफ बोडोलैंड (NDFB) ने अलग बोडोलैंड की मांग को छोड़ दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनेवाल की मौजूदगी में NDFB ने समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया. इस समझौते के बाद अमित शाह ने कहा कि बोडो उग्रवादियों पर दर्ज मुकदमों का रिव्यू किया जाएगा. अब कोई बोडो उग्रवादी नहीं है. वे सभी हमारे भाई हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज भारत सरकार, असम सरकार और बोडो संगठन के चार समूहों के बीच समझौता हुआ है, और यह असम के सुनहरे भविष्य का दस्तावेज है.
उन्होंने कहा कि 1987 से बोडो आंदोलन हिंसक बना और इस संघर्ष में 2,823 नागरिक मारे गए जिसमें 949 बोडो काडर के लोग और 239 सुरक्षाबल भी मारे गए हैं. ये ऐतिहासिक समझौता है.Home Minister Amit Shah: Today Centre, Assam Govt and Bodo representatives have signed an important agreement. This agreement will ensure a golden future for Assam and for the Bodo people. https://t.co/tnxf8Y21Nb pic.twitter.com/hD9VaTL5f3
— ANI (@ANI) January 27, 2020
सभी वादे समयबद्ध तरीके से होंगेः अमित शाहDelhi: Government of India signs tripartite agreement with representatives of all factions of banned organisation National Democratic Front of Bodoland (NDFB) at Ministry of Home Affairs (MHA); Home Minister Amit Shah and Assam CM Sarbananda Sonowal present pic.twitter.com/Knyebw7WSo
— ANI (@ANI) January 27, 2020
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 130 हथियारों के साथ 1,550 कैडर 30 जनवरी को आत्मसमर्पण करेंगे. बतौर गृह मंत्री मैं सभी प्रतिनिधियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सभी वादे समयबद्ध तरीके से पूरे होंगे.
अमित शाह ने कहा कि नेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के 4 गुट संधि पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. 1972 के बाद से एक अलग राज्य की मांग की जा रही थी. यह आंदोलन 1987 हिंसक हो गया. अब तक 2823 लोगों की मौत हो चुकी है.
उन्होंने आगे कहा कि शुरुआत में पूर्वोत्तर भारत से कटा हुआ महसूस करता था, लेकिन नरेंद्र मोदी के शासनकाल से इस क्षेत्र को तवज्जो दिया जाना शुरू हुआ.
केंद्रीय गृह मंत्रालय और बोडो संगठनों के बीच ये फैसला तब हो रहा है, जब 2 दिन पहले ही 600 से ज्यादा की संख्या में अलगाववादियों ने आत्मसमर्पण किया था.
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644 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण
असम के 8 प्रतिबंधित संगठनों से ताल्लुक रखने वाले कुल 644 उग्रवादियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सबार्नंद सोनोवाल के समक्ष गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया था. इनका संबंध उल्फा (I), NDFB, आरएनएलएफ, केएलओ, सीपीआई (माओवादी), एनएसएलए, एडीएफ और एनएलएफबी से था.
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असम में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे से ऊपरी हिस्से पर एक अलग राज्य की मांग कई दशकों से की जा रही थी. अलगाववादियों की ओर से भाषा, संस्कृति की मांग और अन्य अधिकारों को लेकर लंबे समय से अलग राज्य की मांग की गई थी.