मोदी कैबिनेट ने भारत की जनगणना 2021 की प्रक्रिया शुरू करने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने की मंजूरी दे दी है. इसको लेकर मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के बीच कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि NPR में नाम नहीं होने पर किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी. इसे लेकर विपक्ष अफवाह फैला रहा है. किसी अल्पसंख्यक को NPR से डरने की कोई जरूरत नहीं है.
पीएम मोदी ने सही कहा था...
अमित शाह ने कहा कि पूरे भारत में NRC पर बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. पीएम मोदी सही कह रहे हैं, इस पर अभी तक मंत्रिमंडल या संसद में कोई चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने कहा 'मैं आज यह स्पष्ट रूप से कहता हूं कि NRC और NPR के बीच कोई संबंध नहीं है.'
#WATCH Home Minister Amit Shah speaks to ANI on National Population Register, NRC/CAA and other issues. https://t.co/g4Wl8ldoVg
— ANI (@ANI) December 24, 2019
नागरिकता संशोधन कानून पर सरकार की तरफ से संवाद में कमी पर गृह मंत्री ने कहा कि हमारी तरफ से कुछ तो कमी रही होगी, मुझे यह स्वीकार करने में कोई समस्या नहीं है. लेकिन संसद में मेरा भाषण देख लीजिए, उसमें मैंने सब स्पष्ट कर दिया था कि नागरिकता जाने का कोई सवाल नहीं है.
NRC से अलग है NPR
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने साल 2010 में NPR की प्रक्रिया शुरू की थी. NPR हमारे घोषणापत्र में शामिल नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि अगर एनपीआर में किसी का नाम शामिल होने से रह जाता है, तो क्या उसकी नागरिकता चली जाएगी? इस पर अमित शाह ने कहा कि मैं यह बात बिल्कुल साफ कर देना चाहता हूं कि एनपीआर में किसी का नाम शामिल नहीं होने से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी. यह NRC से अलग है.