मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार सख्त हो गई है. राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम सीआरपीसी और आईपीसी में बदलाव के लिए काम कर रहे हैं. इस बारे में केंद्र सरकार ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को खत लिखा है. उन्होंने कहा, हमने सीआरपीसी और आईपीसी में बदलाव के लिए एक समिति भी बनाई है. सुझाव आने के बाद हम बदलाव करेंगे. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के सारे निर्देशों का पालन किया जाएगा.
गृह मंत्रालय ने बताया है कि मॉब लिंचिंग के आंकड़े संसद पटल पर क्यों नहीं रखे गए. एनसीआरबी अलग अलग अपराधों के आंकड़े जारी करता है जिनके प्रावधान आईपीसी और स्पेशल व स्थानीय कानूनों में स्पष्ट बताए गए हैं. एनसीआरबी ने इस साल पहली बार कुछ नए अपराधों के आंकड़े जुटाए हैं जिनमें मॉब लिंचिंग भी शामिल है. लेकिन बाद में ऐसा पाया गया कि आंकड़े भरोसेमंद नहीं हैं और इसका गलत प्रभाव हो सकता है. इसलिए एनसीआरबी मॉब लिंचिंग पर अलग से आंकड़े जारी नहीं कर रहा है.
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने राज्यसभा में मॉब लिंचिंग पर गृह मंत्री से सवाल पूछा था. इनका कहना था कि सरकार क्या सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार मॉब लिंचिंग रोकने के लिए कोई कदम उठा रही है. इनका यह भी सवाल था कि सरकार इसके लिए सीआरपीसी और आईपीसी की धाराओं में क्या कर रही है.