अब आपको जल्द ही अपने वॉलेट में कई कार्ड रखने से राहत मिल सकती है. अभी आप अपने वॉलट में वोटर आईकार्ड, पैनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और कई बैंकों के डेबिट कार्ड रखते हैं और आपको इनके खोने का डर भी सताता रहता है. इससे जल्द ही छुटकारा मिल सकता है क्योंकि गृह मंत्री ने प्रस्तावा रखा है कि इन सभी चीजों के लिए अब एक ही पहचान पत्र होना चाहिए. अगर यह लागू होता है तो इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.
गृह मंत्री अमित शाह ने देश में एक पहचान पत्र का प्रस्ताव रखा है. शाह के अनुसार इस पहचान पत्र में आधार, पासपोर्ट, वोटर आईडी ड्राविंग लाइसेंस और बैंक अकाउंट सभी होना चाहिए. साथ ही गृह मंत्री ने कहा कि 2021 में होने वाली जनगणना भी डिजिटल होगी. यह जनगणना मोबाइल ऐप के जरिए की जाएगी.
अमित शाह ने कहा, ''हमारे पास ऐसा सिस्टम होना चाहिए कि हर किसी का डेटा एक ही कार्ड में उपलब्ध हो. इस एक पहचान पत्र में आधार, पासपोर्ट, बैंक अकाउंट ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर कार्ड सभी से जुड़ा सभी डेटा मौजूद हो. इसलिए डिजीटल जनगणना की जरूरत है.''
गृह मंत्री ने ये बात जनगणना भवन के शिलान्यास के दौरान कही. उन्होंने कहा कि 2021 की जनगणना डिजिटल होगी. यह जनगणना मोबाइल एप से होगी. इस ऐप के जरिए 16 भाषाओं में जनगणना से जुड़ी जानकारियां दी जाएंगी. इस पर कुल 12 हजार करोड़ खर्च आएगा. वैसे तो जनगणना का काम 1 मार्च 2021 से शुरू होगा लेकिन जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फवारी के कारण यहां अक्टूबर 2020 से ही काम शुरू हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि जनगणना के आंकड़ों का इस्तेमाल भविष्य में विकास के लिए प्लान बनाने और जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जाएगा. इसका देश के विकास में अहम योगदान होगा. ऐसे में जनणनना की सफलता के लिए लोगों की भागीदारी जरूरी है.
उन्होंने कहा कि भारत के 130 करोड़ लोगों को जनगणना से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी देनी चाहिए. इस काम में लगे जनगणना अधिकारियों को दिल से काम करने की जरूरत है क्योंकि यह देश के विकास के लिए एक पुण्य का काम है.